खुराना पर मुकदमा, सीबीसीआइडी जांच
राज्य ब्यूरो, देहरादून: प्रदेश पुलिस के मुखिया बीएस सिद्धू की सेवाकाल का आखिरी दिन भी विवादों से
राज्य ब्यूरो, देहरादून:
प्रदेश पुलिस के मुखिया बीएस सिद्धू की सेवाकाल का आखिरी दिन भी विवादों से अछूता नहीं रहा। सेवानिवृत्ति से ऐन एक दिन पहले सिद्धू ने एक इंस्पेक्टर के मानसिक उत्पीड़न के आरोप में आईपीएस अधिकारी केवल खुराना पर दर्ज हुए मुकदमे में एसआइटी का गठन कर पीएसी के सेनानायक अरुण मोहन जोशी को जांच सौंपी। आइपीएस अधिकारी पर मुकदमा दर्ज करने के मामले में पुलिस महानिदेशक ने शासन से अनुमति नहीं ली। इस पर गंभीर रुख अपनाते हुए शासन ने एसआइटी के गठन को खारिज कर 12 घंटे बाद ही सीबीसीआइडी जांच के आदेश दिए हैं। विदाई के मौके पर सिद्धू को यह दोहरा झटका लगा। एक दिन पहले ही उन्हें शासन ने रिजर्व फारेस्ट क्षेत्र में भूमि मामले में चार्जशीट थमाई थी। शनिवार को महकमे में अंदरूनी उठापटक की इस काली छाया के बीच सिद्धू की विदाई हुई और नए पुलिस महानिदेशक के रूप में एमए गणपति ने कार्यभार संभाला।
दो साल सात महीने तक प्रदेश के पुलिस महानिदेशक रहे बीएस सिद्धू विदाई के दिन शनिवार को भी विवादों से बच नहीं पाए। शनिवार को डीजीपी के रूप में विदाई से ऐन पहले बीएस सिद्धू ने शुक्रवार को उधमसिंह नगर भ्रमण के दौरान आइपीएस अधिकारी केवल खुराना के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया था। इस कड़ी में शुक्रवार देर रात दिनेशपुर थाने में सब इंस्पेक्टर रजत कसाना का मानसिक उत्पीड़न करने और उनसे दो लाख रुपये मांगने के आरोप में खुराना पर मुकदमा दर्ज किया गया। दरअसल, कसाना ने आइपीएस खुराना पर यह आरोप लगाया है कि वह उनका मानसिक उत्पीड़न कर रहे हैं और उनसे दो लाख रुपये की डिमांड की जा रही है। पुलिस मुख्यालय की ओर से इस मामले की जांच कराई गई थी लेकिन आरोपों की पुष्टि नहीं हुई। इसके बाद सब इंस्पेक्टर कसाना मानवाधिकार आयोग की शरण में गए। दो दिन पूर्व ही पुलिस मुख्यालय को आयोग का पत्र मिला था जिसमें मामले में की गई कार्यवाही के बारे में जानकारी तलब की गई। आयोग ने दोनों पक्षों से इसका जवाब मांगा है। 17 मई को मानवाधिकार आयोग में इसकी सुनवाई होनी है।
शुक्रवार को जब डीजीपी सिद्धू नानकमत्ता पहुंचे तो खुराना के खिलाफ दिनेशपुर थाने में मुकदमा दर्ज करने का आदेश भी दे गए। आदेश के बाद रजत कसाना के आरोप पर धारा 406, 407, 409 व आइटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया। इस मुकदमे में कसाना की कॉल डिटेल निकलवाने का भी खुराना पर आरोप है। वहीं, राजभवन ने भी बिना शासन ने बिना अनुमति के आइपीएस अधिकारी पर मुकदमा दर्ज किए जाने पर पर नाराजगी जताई। प्रमुख सचिव गृह को इस मामले में तलब कर पूरी जानकारी ली गई। इसके बाद शासन ने मामले की सीबीसीआइडी जांच की संस्तुति की है। इस पूरे प्रकरण के चलते निवर्तमान डीजीपी बीएस सिद्धू को विदाई से पहले दोहरा झटका लगा है। उनके आदेश पर दर्ज मुकदमे पर सीबीसीआइडी और चार्जशीट के साथ उन्हें पुलिस महकमे से विदा होना पड़ा है।