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वनाग्नि थामने को सक्रिय रहें कंट्रोल रूम

राज्य ब्यूरो, देहरादून वनाग्नि पर जल्द से जल्द काबू पाने को सरकारी मशीनरी के कामकाज में तेजी आने ल

By Edited By: Published: Sun, 01 May 2016 01:01 AM (IST)Updated: Sun, 01 May 2016 01:01 AM (IST)
वनाग्नि थामने को सक्रिय रहें कंट्रोल रूम

राज्य ब्यूरो, देहरादून

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वनाग्नि पर जल्द से जल्द काबू पाने को सरकारी मशीनरी के कामकाज में तेजी आने लगी है। राज्यपाल डॉ कृष्णकांत पाल ने शनिवार को सभी जिलों के जिलाधिकारियों के साथ वीडियोकांफ्रेंसिंग में आग पर काबू पाने के लिए किए जा रहे उपायों की समीक्षा की। जिलों में 24 घंटे कंट्रोल रूम को सक्रिय करने को कहा गया है। आपदा से संबंधित तमाम कार्मिकों को इंसीडेंट रिस्पांस सिस्टम के मुताबिक सक्रिय किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। उधर, राज्य आपदा न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र ने भारतीय सुदूर संवेदन प्राधिकरण बालानगर, हैदराबाद को पत्र लिखकर आग से प्रभावित क्षेत्रों के बारे में उपग्रह से प्राप्त सूचना उपलब्ध कराने की मांग की है।

प्रदेश में दावानल के दिनोंदिन बढ़ने से चिंतित राज्यपाल डॉ कृष्णकांत पाल ने शनिवार को तमाम जिलों के हालात का जायजा लिया। जंगल की आग पर काबू पाने को जिलों को आवश्यक धन और मानव संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं। राज्यपाल ने कहा कि इस काम को युद्धस्तर पर किया जाए। इसके लिए धन और संसाधन की कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि वनाग्नि पर पूरा फोकस रहना चाहिए। खासतौर पर पौड़ी, नैनीताल, टिहरी और देहरादून जिलों में विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वनाग्नि की सूचनाएं तुरंत मिलें और उन पर कार्यवाही भी तुरंत अमल में लाई जाए। जिलाधिकारियों को सभी महकमों के साथ तालमेल स्थापित करने को कहा गया है। ग्राम पंचायतों, युवक मंगल दलों, महिला मंगल दलों और स्थानीय ग्रामीणों की सहभागिता सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारियों के पास हर प्रकार की संभावित स्थिति से निपटने के लिए फुलप्रूफ प्लान होना चाहिए।

चार धाम यात्रा की तैयारियों की समीक्षा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि केदारनाथ में यात्रियों के रात्रि विश्राम के लिए आवासों की संख्या बढ़ाया जाए। स्वास्थ्य महकमे को चार धाम यात्रा मार्ग पर पांच मई तक चिकित्सकों की तैनाती करने के निर्देश दिए गए हैं। मार्गो में निर्बाध आवाजाही के लिए भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में आवश्यक इंजीनियर, श्रमिक व उपकरणों की अग्रिम तैनाती की जाए। उन्होंने पेयजल और सूखे की स्थिति की समीक्षा भी की। आपदा प्रबंधन सचिव अमिल नेगी ने जंगलों में आग के चलते किसी स्थान पर व्यक्तियों के फंसे होने या आग की रोकथाम के लिए आवश्यक संसाधनों के लिए सूचना तुरंत राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र को भेजने के निर्देश सभी जिलाधिकारियों को दिए हैं। बैठक में राज्यपाल के सलाहकार रविंद्र सिंह व प्रकाश मिश्रा, मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह समेत तमाम आला अधिकारी मौजूद रहे।


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