Move to Jagran APP

सियासी संकट से बढ़ी भाजपा की चुनौती

राज्य ब्यूरो, देहरादून: उत्तराखंड में राजनीतिक अनिश्चितता के इस मौजूदा घटनाक्रम के बीच आगामी विधानसभ

By Edited By: Published: Sun, 01 May 2016 01:01 AM (IST)Updated: Sun, 01 May 2016 01:01 AM (IST)
सियासी संकट से बढ़ी भाजपा की चुनौती

राज्य ब्यूरो, देहरादून: उत्तराखंड में राजनीतिक अनिश्चितता के इस मौजूदा घटनाक्रम के बीच आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा की चुनौतियां भी लगातार बढ़ती दिख रही हैं। हरीश रावत सरकार में हुई बगावत के लिए जहां कांग्रेस सीधे तौर पर भाजपा को दोषी बता रही है, वहीं अपनी सरकार गिरने के बाद से जनता की सहानुभूति हासिल करने की कोशिश में भी जुटी है। आगामी चुनाव में एंटी इंनकंबेंसी के संभावित खतरे से भी कांग्रेस निजात पाती दिख रही है। ऐसे में भाजपा पर कांग्रेस की आक्रामक रणनीति को नाकाम करने के लिए ठोस हथियार तलाशने का दबाव भी बढ़ता जा रहा है।

loksabha election banner

राज्य की निवर्तमान कांग्रेस सरकार में उसी के नौ विधायकों की बगावत के बाद पैदा हुए हालात के बीच अपनी सरकार के गठन की भाजपा की कोशिशें तो फिलहाल परवान नहीं चढ़ पाई, मगर इस घटनाक्रम में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा की चुनौतियों में इजाफा जरूर होता दिख रहा है। सरकार गंवाने व निवर्तमान मुख्यमंत्री का कथित स्टिंग सामने आने के बावजूद कांग्रेस का आक्रामक रुख इसकी प्रमुख वजह है। दरअसल, इस पूरे मामले में कांग्रेस शुरुआत से भाजपा पर हमलावर रही है।

अपने नौ विधायकों की बगावत का दोष कांग्रेस ने पूरी तरह भाजपा के सिर मढ़ती रही, राष्ट्रपति शासन लगाने के केंद्र सरकार के फैसले को लोकतंत्र की हत्या के रूप में प्रचारित करती रही। इसके लिए कांग्रेस ने प्रदेशभर में बाकायदा लोकतंत्र बचाओ पदयात्रा भी निकाली। अपनी इस आक्रामक रणनीति के जरिए कांग्रेस जहां भाजपा के खिलाफ माहौल बनाने में जुटी है, तो आम जनता की सहानुभूति हासिल करने की भी कोशिश में है। जाहिर है सियासी संकट के बीच अपनी सरकार बनाने में फिलहाल नाकाम रही भाजपा के लिए आगामी चुनाव की चुनौतियां भी बढ़ती दिख रही हैं।

इसमें सबसे बड़ी चुनौती कांग्रेस के नौ विधायकों को तोड़ने के आरोप व सरकार गिराने के आरोप से खुद को बचाना ही है। इसके अलावा, सियासी अनिश्चितता के इस घटनाक्रम की वजह से कांग्रेस पार्टी को विधानसभा चुनाव में एंटी इंकंबेंसी के संभावित खतरे से भी निजात मिलती दिख रही है। यदि ऐसा हुआ, तो आगामी चुनाव में भाजपा को इसका बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। भाजपा के पास कांग्रेस के शासनकाल के कथित घोटाले, भ्रष्टाचार व स्टिंग के सियासी हथियार तो हैं, मगर इन मुद्दों को भुनाने के लिए भाजपा को कड़ी मशक्कत भी करनी पड़ सकती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.