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ताकि परीक्षा में बच्चे रहें तनावमुक्त

देहरादून : बोर्ड परीक्षाएं एक बार फिर सिर पर हैं। ऐसे में पढ़ाई के दबाव में छात्रों पर तनाव हावी होन

By Edited By: Published: Sat, 13 Feb 2016 01:01 AM (IST)Updated: Sat, 13 Feb 2016 01:01 AM (IST)
ताकि परीक्षा में बच्चे रहें तनावमुक्त

देहरादून : बोर्ड परीक्षाएं एक बार फिर सिर पर हैं। ऐसे में पढ़ाई के दबाव में छात्रों पर तनाव हावी होने लगा है। अभिभावकों की ओर से पढ़ाई के दबाव के कारण भी बच्चों में परीक्षाओं को लेकर डर है। इसका न सिर्फ उनके प्रदर्शन, बल्कि सेहत पर भी असर पड़ सकता है। कई बार परीक्षा की तैयारी ठीक ढंग से न होने के कारण बच्चे पेपर हाथ में आते ही तनाव में आ जाते हैं। इस तनाव से मुक्त रहने के उपाय बता रही हैं एसजीआरआर पटेलनगर की प्रधानाचार्य राजेश अरोड़ा।

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तनाव की वजह

कई छात्र सालभर पढ़ाई पर ध्यान नहीं देते और परीक्षा से ठीक पहले पढ़ना शुरू करते हैं। समय प्रबंधन का न होना भी एक कारण है। इससे बच्चे न सही ढंग से पढ़ाई कर पाते हैं और न ही आत्मविश्वास के साथ परीक्षा दे पाते हैं।

अभिभावक क्या करें

बच्चों को कम्फर्टेबल रखें और बार-बार पढ़ने या अंकों को लेकर उनपर दबाव न डालें। परीक्षा के आखिरी समय में उनका ध्यान रखें और नेगेटिव रिमार्क से बचें।

शिक्षक की भूमिका

अकादमिक प्रदर्शन के आधार पर छात्रों से भेदभाव न करें। कमजोर बच्चों की तरफ संवेदनशील रहें और अतिरिक्त समय देकर उनकी बुनियाद मजबूत करने व पढ़ाई की योजना तैयार करने में मदद करें।

तनाव से मुक्ति

आधे घंटे से 45 मिनट या एक घंटा अपनी क्षमता के अनुसार पढ़ें। बीच में ब्रेक अवश्य लें। ब्रेक में कुछ देर खेल लें, टहल लें या हल्का व्यायाम करें। पर्याप्त नींद लें।

ताकि पढ़ा हुआ न भूले

याद रखने की सबसे पहली सीढ़ी है अर्थ जानना, यानी किसी भी बात को याद रखने के लिए उसका अर्थ जरूर समझिए। अन्यथा रटने का मतलब नहीं है। दिमाग को व्यवस्थित रखें और नकारात्मक सोच से बचें।

कहीं भावनात्मक वजह तो नहीं

बच्चे किसी भावनात्मक वजह से भी असंतुलित हो सकते हैं। इसकी पारिवारिक कलह, माता-पिता का अलग होना, सिंगल पैरेंट आदि कई वजह हैं। शिक्षक को बच्चे की समस्या भांप कर उसकी काउंसिलिंग करनी चाहिए।

खान-पान का भी रखें ख्याल

परीक्षा के वक्त स्वास्थ्य के प्रति भी सचेत रहना चाहिए। भोजन में अंकुरित अनाज, दालें, हरी सब्जियां, फलियां और प्रोटीन युक्त पदार्थ लें। चाय-कॉफी के बजाय नींबू पानी, छाछ व दूध ले सकते हैं। जंक फूड से बचें। नाश्ता जरूर करें और रात में अपेक्षाकृत कम खाना खाएं।

प्रस्तुति: अमन वर्मा, कक्षा ग्यारह एसजीआरआर पटेलनगर


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