..टी-20 में भी दिखता मनीष का कमाल
जागरण संवाददाता, देहरादून: उत्तराखंड के लाल मनीष पांडे की मैच जिताऊ पारी के बाद सूबे के क्रिकेटप्रेम
जागरण संवाददाता, देहरादून: उत्तराखंड के लाल मनीष पांडे की मैच जिताऊ पारी के बाद सूबे के क्रिकेटप्रेमियों में यह कसक है कि उनका चयन टी-20 में किया जाना चाहिए था। क्रिकेट विशेषज्ञों का कहना है कि भले ही टी-20 सीरीज के लिए भारतीय टीम का चयन पहले ही कर लिया गया हो, लेकिन मनीष के घरेलू व टी-20 क्रिकेट में प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें मौका मिलना चाहिए था।
शनिवार को सिडनी में मनीष पांडे के धमाल से भारत ने जीत हासिल की। भले ही भारत यह सीरीज 4-1 से हार गया हो, लेकिन टी-20 सीरीज में मनीष को शामिल न किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। क्रिकेट विशेषज्ञों को मानना है कि मनीष मैच फिनिशर होने के साथ ही बेहतरीन परफॉर्मर हैं। आइपीएल में मनीष के प्रदर्शन को अनदेखा कर दिया गया। बेहतर होता कि ऋषि धवन की जगह मनीष को टी-20 में तरजीह देते।
मनीष ने घरेलू और टी-20 क्रिकेट में गजब का प्रदर्शन किया है। कम ही लोग जानते हैं कि मनीष आक्रामक बल्लेबाजी के साथ फिरकी गेंदबाजी भी करते हैं। दून के क्रिकेट विशेषज्ञों की मानें तो वन डे के साथ ही टी-20 टीम के चयन के समय भी मनीष के प्रदर्शन पर नजर डाली जानी चाहिए थी।
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टी-20 टीम में मनीष का चयन होने से भारतीय टीम को मध्यक्रम में मजबूती मिलती। मनीष का प्रदर्शन ऋषि धवन से बेहतर हैं। टीम चयन करते हुए इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए था। मनीष का टी-20 टीम में चयन न होना निराशाजनक है।
-मनोज रावत, बीसीसीआइ लेवल बी कोच
चयनकर्ताओं को मनीष के टी-20 क्रिकेट में प्रदर्शन को ध्यान में रखना चाहिए था। वह मध्यक्रम के आक्रामक बल्लेबाज होने के साथ ही बेहतरीन फील्डर भी हैं।
-अतुल देसाई, बीसीसीआइ लेवल बी कोच
आइपीएल में मनीष के प्रदर्शन को अनदेखा किया गया है। यह सही है कि ऑस्ट्रेलिया के साथ होने वाले टी-20 सीरीज के लिए टीम का चयन पहले कर लिया गया, लेकिन टीम के हित में मनीष का चयन होना चाहिए था।
-कुणाल चंदेला, युवा क्रिकेटर
मैच फिनिशर के रूप में मनीष पांडे धौनी की तरह बेहतरीन खिलाड़ी हैं। उनकी आक्रामकता किसी भी टीम को हराने में काम आ सकती हैं। टी-20 टीम के चयन के समय इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए था।
-सन्नी राणा, युवा क्रिकेटर