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900 करोड़ की योजना पर फिर जगी उम्मीद

राज्य ब्यूरो, देहरादून: फंडिंग पैटर्न में बदलाव की वजह से लगभग 900 करोड़ रुपये के हेल्थ सिस्टम डेवलपम

By Edited By: Published: Mon, 30 Nov 2015 01:00 AM (IST)Updated: Mon, 30 Nov 2015 01:00 AM (IST)
900 करोड़ की योजना पर फिर जगी उम्मीद

राज्य ब्यूरो, देहरादून: फंडिंग पैटर्न में बदलाव की वजह से लगभग 900 करोड़ रुपये के हेल्थ सिस्टम डेवलपमेंट प्रोजेक्ट पर मंडरा रहे आशंका के बादल अब छंटते नजर आ रहे हैं। उत्तराखंड को विशेष दर्जे के तहत पूर्व की भांति केंद्रीय मदद मिलने के केंद्र सरकार के हालिया आदेश ने विश्व बैंक पोषित इस महत्वपूर्ण योजना के भी धरातल पर उतरने की उम्मीदें बढ़ा दी हैं। प्रदेश में चिकित्सा व स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने की दृष्टि से राज्य की निगाहें लंबे समय से इस परियोजना पर टिकी हुई हैं।

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उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी की राह में जहां डाक्टरों की कमी सबसे बड़ी अड़चन बनी है, वहीं दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों में चिकित्सा व स्वास्थ्य का बुनियादी ढांचा भी अब तक सुदृढ़ नहीं हो पाया है। कहीं अस्पताल भवन बनकर तैयार हैं, तो अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरण उपलब्ध नहीं हो पाए हैं। जहां अत्याधुनिक मशीनें उपलब्ध हैं, वहां तकनीशियनों की कमी के कारण आमजन के इलाज में उनका उपयोग नहीं हो पा रहा। ऐसी तमाम मुश्किलों के हल के लिए राज्य की उम्मीदें एचएसडीपी योजना पर टिकी थीं।

केंद्र सरकार ने उत्तराखंड में इस योजना के तहत अगले छह वर्ष के लिए लगभग 900 करोड़ रुपये की सैद्धांतिक सहमति दी थी। इसमें राज्य को 80 फीसद ऋण विश्व बैंक से मिलना है, जबकि शेष 20 फीसद निवेश स्वयं प्रदेश सरकार को करना है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य दुर्गम पर्वतीय व असेवित क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को सहज बनाना और सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाना है। राज्य स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं की प्रबंधन क्षमता, दक्षता व कौशल में भी वृद्धि की जानी है।

लोक निजी सहभागिता (पीपीपी) के जरिए जिला व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को सुदृढ़ किया जाना है। जिला अस्पताल, चिन्हित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व सचल चिकित्सा वाहनों का संचालन पीपीपी मोड में करने का प्रावधान है। योजना के तहत इन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को एकीकृत कर उनकी उपलब्धता सहज बनाई जानी है। जिला अस्पतालों में भी विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती होनी है, ताकि संदर्भण व्यवस्था सुदृढ़ बनाई जा सके।

योजना के लिए क्रियान्वयन प्लान तो तैयार है, मगर कुछ माह पूर्व फंडिंग पैटर्न में बदलाव से इस पर तलवार लटक गई। योजना को लेकर सबसे बड़ी आशंका इस बात को लेकर उठ गई थी कि केंद्र इस योजना के लिए 90:10 के अनुपात में वित्तीय सहायता देगा या फिर 75:25 के अनुपात में। पिछले दिनों केंद्र सरकार ने उत्तराखंड को भी विशेष दर्जे के अंतर्गत पूर्व की भांति वित्तीय मदद देने का आदेश जारी कर दिया, जिससे एचएसडीपी योजना के जरिए स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी की उम्मीदें एक बार फिर बढ़ गई हैं।

इनसेट..

एचएसडीपी परियोजना के घटक..

-पीपीपी मोड में जिला अस्पताल व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के सुदृढ़ीकरण को 430 करोड़ खर्च प्रस्तावित।

-स्वास्थ्य बीमा योजनाओं के विस्तार पर लगभग 206 करोड़ के खर्च का प्रस्ताव।

-वर्तमान स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने 160 करोड़ खर्च का प्रस्ताव।


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