भ्रष्टाचारियों को बचा रही सीएम की पर्ची
जागरण संवाददाता, देहरादून: रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रांतीय महाधिवेशन में भ्रष्टाचार को लेक
जागरण संवाददाता, देहरादून: रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रांतीय महाधिवेशन में भ्रष्टाचार को लेकर कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री हरीश रावत को ही कठघरे में खड़ा कर दिया। परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष पीसी लोहानी ने सीएम पर आरोप जड़ा कि 'बेटिकट और अन्य घोटालों में निलंबित अधिकारी या कर्मचारियों को मुख्यमंत्री की पर्ची पर बहाल किया जा रहा।' उन्होंने सवाल उठाया कि 'अगर पूरी बस बेटिकट पकड़ी जाती है तो एआरएम क्या कर रहे। उन्हें कार मिली हुई है, चेकिंग उनका काम है, जवाबदेही उनकी है, फिर भी उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती। '
शनिवार हरिद्वार रोड स्थित रोडवेज कार्यशाला के सामने एक वेडिंग प्वाइंट में आयोजित महाधिवेशन में मौजूद अतिथि कैबिनेट मंत्री दिनेश अग्रवाल, कांग्रेस विधायक राजकुमार, प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना और परिवहन निगम बोर्ड के उपाध्यक्ष अनिल गुप्ता को उस वक्त असहज स्थिति का सामना करना पड़ा जब प्रांतीय अध्यक्ष ने अपना संबोधन शुरू किया। खास बात यह है कि कार्यक्रम में पहले मुख्यमंत्री हरीश रावत और वित्त मंत्री इंदिरा हृदयेश को भी शामिल होना था, लेकिन वे नहीं पहुंच सके। लोहानी ने बोलना शुरू किया तो उन्होंने व्यवस्था पर ही सवाल खड़े कर दिया। कहा कि ' निगम अपने प्रबंधन में कर्मचारियों को भी शामिल करे। हम दिखा देंगे रोडवेज कैसे चलती है।'
इससे पहले परिषद के संरक्षक विजय कुमार ममगाई और प्रदेश उपाध्यक्ष दिनेश गुसाई ने राज्य सरकार व निगम प्रबंधन पर अपने बस बेडे़ को मजबूत करने की बजाए अनुबंधित बसों को बढ़ाने का आरोप लगाया। प्रांतीय महामंत्री रामचंद्र रतूड़ी ने मुख्यमंत्री को प्रेषित नौ सूत्री मांगपत्र को पढ़ा और मंत्री दिनेश अग्रवाल को सौंपा। परिवहन निगम बोर्ड के सदस्य राजेंद्र सिंह टम्टा ने कहा कि मुख्यमंत्री पर्वतीय इलाकों में वाल्वो बसें चलाने के बात कर रहे हैं। पहले बसें खरीद तो लो, फिर प्रचार प्रसार करना। उन्होंने कहा कि यूपी के वक्त बस संचालन बेहतर था। जो बसें उस समय पहाड़ों में चलती थी, उत्तराखंड बनने के बाद वे भी बंद हो गई। कार्यक्रम में निगम के महाप्रबंधक प्रशासन उदय सिंह राणा व महाप्रबंधक संचालन दीपक जैन भी मौजूद रहे।
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'घर' को व्यवस्थित करो: अग्रवाल
कैबिनेट मंत्री दिनेश अग्रवाल ने बस बेड़े की बदहाली को लेकर नौकरशाहों पर लापरवाही का आरोप लगाया। कहा कि सरकार नई बसें खरीदने को मंजूरी दे चुकी थी, लेकिन वित्त ने फाइल रोक दी। उन्होंने अर्द्धकुंभ को लेकर आरोप लगाया कि केंद्र राज्य की कोई मदद न करने का आरोप लगाया। उन्होंने कर्मचारियों को अपने घर यानी रोडवेज को व्यवस्थित करने की सलाह दी। विधायक राजकुमार ने मृतक आश्रित महिलाओं से परिचालकों के बजाए दफ्तर डयूटी कराने की बात रखी।
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विधायक निधि से हर साल बस देने की घोषणा
विधायक राजकुमार ने हर साल रोडवेज को अपनी विधायक निधि से एक बस देने की घोषणा की। कहा कि वह मुख्यमंत्री से बात कर कोशिश करेंगे कि सभी 70 विधायक हर साल बस दें। इससे रोडवेज के बेड़े में हर साल 70 नई बसें मिलेंगी। ..लेकिन वन मंत्री दिनेश अग्रवाल ने अपने संबोधन में इसमें तकनीकी पेच बताया। अग्रवाल ने कहा, बस करीब 20 लाख रुपये की है, जबकि विधायक निधि से एक योजना पर अधिकतम 10 लाख रुपये खर्च करने का प्रावधान है। इस पर विधिक राय ली जाएगी।