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जमीन पर नहीं उतरे ट्रामा सेंटर्स

जागरण ब्यूरो, देहरादून: पहाड़ी राज्य में आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं के लिए स्वीकृत 14 ट्रामा सेंटर आठ

By Edited By: Published: Sun, 29 Nov 2015 01:00 AM (IST)Updated: Sun, 29 Nov 2015 01:00 AM (IST)
जमीन पर नहीं उतरे ट्रामा सेंटर्स

जागरण ब्यूरो, देहरादून: पहाड़ी राज्य में आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं के लिए स्वीकृत 14 ट्रामा सेंटर आठ साल लंबी कसरत के बाद भी जमीन पर नहीं उतर पाए हैं। हालांकि, इनमें से अधिकतर ट्रामा सेंटर के लिए शासन पद सृजन की कार्यवाही भी कर चुका है, मगर डाक्टरों की भारी कमी का खामियाजा प्रदेश की जनता को इस मामले में भी भुगतना पड़ रहा है। दिलचस्प पहलू यह है कि जब पूर्व में स्वीकृत ट्रामा सेंटर ही पूरी तरह से अस्तित्व में नहीं आ पाए, तो 2014-15 के वार्षिक बजट में घोषित 15 नए ट्रामा सेंटर कैसे जमीन पर उतर पाएंगे।

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प्रदेश में सरकार की कागजी घोषणाओं का धरातल पर क्या हश्र हो रहा है, ट्रामा सेंटर की अधूरी योजनाएं इसकी सच्चाई बयां कर रही है। पहाड़ की बदहाल व सर्पीली सड़कों पर कदम-कदम पर खतरे बिखरे पडे़ हैं। यही वजह है कि हर साल दुर्गम रास्तों व सड़कों पर हादसों का ग्राफ भी बढ़ता जा रहा है। सड़क दुर्घटनाओं व आपदा के लिहाज से संवेदनशील पर्वतीय क्षेत्रों में आपातकालीन चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराने के लिए वर्ष 2006-07 में 14 ट्रामा सेंटर को स्वीकृति दी गई थी।

हैरत की बात है कि आठ साल की लंबी कसरत के बाद भी ये ट्रामा सेंटर विधिवत संचालन की स्थिति में नहीं पहुंच सके हैं। ऐसा नहीं कि इसके लिए सरकार ने बजट जारी नहीं किया। अधिकतर ट्रामा सेंटर के लिए बजट भी मिला और समुचित स्टाफ के लिए पद सृजन की कार्यवाही भी की गई, मगर कागजों में पद सृजित होने के बाद इन पदों पर तैनाती होना अभी दूर की कौड़ी नजर आ रही है। सरकारी अस्पतालों के लिए ही सरकार को डाक्टर नहीं मिल पा रहे, तो ट्रामा सेंटर के लिए अपेक्षित मानव संसाधन जुटाना संभव नजर नहीं आ रहा।

इतना ही नहीं, कई ट्रामा सेंटर के भवनों का निर्माण भी सुस्त रफ्तार से चल रहा है। ऐसी स्थिति में सरकार ने ट्रामा सेंटर्स को पीपीपी मोड में संचालित करने की कोशिश भी की, मगर यह कोशिश भी फिलहाल परवान नहीं चढ़ पाई। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि जब पुराने ट्रामा सेंटर अब तक जमीन पर नहीं उतर पाए, तो 2014-15 के बजट में घोषित 15 नए ट्रामा सेंटर कैसे स्थापित हो पाएंगे।

इनसेट..

2006-07 में स्वीकृत ट्रामा सेंटर..

रुड़की, गोपेश्वर, विकासनगर, काशीपुर, रानीखेत, ऋषिकेश, अल्मोड़ा, उत्तरकाशी, टनकपुर, बागेश्वर, छाम, कर्णप्रयाग, लोहाघाट, कोटद्वार।

नए घोषित ट्रामा सेंटर

जौलजीवी, अल्मोड़ा, चंपावत, पिथौरागढ़, बागेश्वर, सितारगंज, जसपुर, बाजपुर, उत्तरकाशी, गुप्तकाशी, रुद्रप्रयाग, ऋषिकेश, पांडुकेश्वर, कर्णप्रयाग, गैरसैंण।


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