कैंट में ड्यूटी कर रहा फर्जी सैनिक पकड़ा
जागरण संवाददाता, देहरादून: मंगलवार को कैंट में सेना की भर्ती के दौरान सैन्य अधिकारी तब सकते में आ गए
जागरण संवाददाता, देहरादून: मंगलवार को कैंट में सेना की भर्ती के दौरान सैन्य अधिकारी तब सकते में आ गए, जब वहां एक फर्जी फौजी के ड्यूटी पर तैनात होने की जानकारी मिली। इसके बाद उसे हिरासत में ले लिया गया। राष्ट्र विरोधी संगठनों में संलिप्तता की आशंका के चलते मिलिट्री इंटेलीजेंस भी हरकत में आ गई और युवक से करीब एक घंटे पूछताछ की। सेना ने आरोपी युवक को कैंट थाना पुलिस के हवाले कर दिया है। उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
इन दिनों कैंट क्षेत्र के म¨हद्रा ग्राउंड में सैन्य भर्ती चल रही है। भर्ती प्रक्रिया में व्यवस्था बनाए रखने के लिए यहां सेना के सैकड़ों सिपाही तैनात हैं, जिन्हें विभिन्न जिम्मेदारियां दी गई हैं। रेस ट्रैक के चारों ओर भी सैनिक तैनात रहते हैं, जो दौड़ के वक्त प्रतिभागियों की गतिविधियों पर ध्यान रखते हैं। मंगलवार को रेस ट्रैक के पास तैनात सैनिकों में से एक सैनिक पर एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी को उस वक्त शक हुआ, जब उसने उन्हें सलाम नहीं किया। उस वक्त तो अधिकारी ने नजरअंदाज कर दिया, लेकिन थोड़ी देर बाद अधिकारी ने कुछ प्रतिभागी युवकों को उससे बात करते देखा तो उनका माथा ठनक गया। सैन्य अधिकारी उसके पास गए और यूनिट आदि के बारे में पूछने लगे। जिससे फौजी वेशभूषा में खड़ा युवक घबरा गया। उक्त युवक को हिरासत में ले लिया गया और इंटेलीजेंस ने पूछताछ की। युवक ने अपना नाम विकास रावत पुत्र महेंद्र सिंह रावत निवासी बुल्लावाला डोईवाला बताया। उसने बताया कि वह सेना में भर्ती होना चाहता था, लेकिन कई बार असफल हुआ। इसलिए उसने छह माह पहले घरवालों से झूठ बोला कि वह सेना में भर्ती हो गया और जयपुर में ट्रेनिंग कर रहा है। सात अक्टूबर को वह घर आया और घरवालों को बताया कि उसकी ड्यूटी सैन्य भर्ती में लगी है। थाना प्रभारी कैंट राजेश शाह ने बताया कि आरोपी के विरुद्ध लोक सेवक का प्रतिरूपण करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
छह माह तक रहा हरिद्वार में
आरोपी विकास छह बार सैन्य भर्ती में प्रयास कर चुका है, लेकिन हर बार किसी न किसी कमी के चलते उसका चयन नहीं हुआ। बीते छह माह से वह हरिद्वार के एक होटल में नौकरी कर रहा था। इस बीच उसने घर से कई बार पैसे भी मंगाए।
पलटन बाजार से खरीदी वर्दी
आरोपी सात अक्टूबर को घर लौटा। इससे पहले उसने पलटन बाजार से एक जोड़ी वर्दी और नाम लिखा हुआ बैच खरीदा। उसने ये सब चीजें घरवालों को दिखाई और आठ अक्टूबर को कैंट आकर फर्जी ड्यूटी करने लगा।