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खनन रव्वने का खेल, सिस्टम हुआ फेल

जागरण संवाददाता, देहरादून: यदि सरकार खनन के अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने में सफल रहती तो राजस्व बढ़ान

By Edited By: Published: Sat, 10 Oct 2015 09:19 PM (IST)Updated: Sat, 10 Oct 2015 09:19 PM (IST)
खनन रव्वने का खेल, सिस्टम हुआ फेल

जागरण संवाददाता, देहरादून: यदि सरकार खनन के अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने में सफल रहती तो राजस्व बढ़ाने के लिए रॉयल्टी की दर दोगुनी न करनी पड़ती। खनन का अवैध कारोबार सिर्फ अनाधिकृत रूप से नदियों में घुस रहे माफिया ही नहीं कर रहे, बल्कि वैध कारोबार की आड़ में अवैध धंधा कर रहे कारोबारी भी इसमें लिप्त हैं। यह सब होता है रव्वने की आड़ में, जिसका बड़ी चालाकी से इस्तेमाल कर एक ही रव्वने पर कई दिन तक माल ढोया जाता है। खासकर नदी किनारे दिए गए भंडारण के ठेकों में रव्वने का खेल सबसे तेज चल रहा है।

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नदी किनारे भंडारण का मतलब

सरकार ने नदियों के किनारे भी भंडारण के ठेके जारी कर रखे हैं। यह इसलिए कि खनन लॉट संचालक की अनुमति से रव्वने के आधार पर निकलने वाले वाहन यहां माल जमा कर पाएं। भंडारण संचालक खेल करने के लिए इस्तेमाल किए जा चुके रव्वनों को 50 रुपये में खरीदकर यह दिखाते हैं कि भंडारण स्थल पर जो माल जमा है, वह इस रव्वने से आया है। रव्वने में स्थान का स्पष्ट उल्लेख नहीं होता, जिसका फायदा भंडारण स्वामी उठाते हैं। जबकि, हकीकत में भंडारण स्थल पर रात के समय अवैध तरीके से नदी से सामग्री जमा की जाती है। नदी करीब होने से इस काम में कोई अड़चन नहीं आ पाती। इससे सरकार की उस मंशा पर भी सवाल खड़े होते हैं, जिसके तहत नदियों के किनारे भंडारण को अनुमति दी गई।

नीले रव्वने को ये कैसा ग्रीन सिग्नल

भंडारण स्थल से विभिन्न स्थानों पर माल भेजने के लिए नीले रव्वने जारी किए जाते हैं। जब भी भंडारण से किसी साइट पर माल जाता है तो अकसर रव्वने पर तिथि व समय अंकित नहीं किया जाता। जिससे एक रव्वना कई दिन तक काम आ जाता है। यदि कभी चेकिंग हो गई तो चंद सेकंड में वाहन के भीतर ही तिथि के साथ भंडारण से साइट की दूरी के हिसाब से समय भी भर दिया जाता है।

छह दिन में पहुंचे महज 150 वाहन

वर्षाकाल के बाद सोमवार से नदियों को खनन के लिए खोल दिया गया था। पहले नदियां खुलते ही ट्रांसपोर्टरों की चहल-पहल शुरू हो जाती थी, मगर रॉयल्टी बढ़ने के बाद धंधा मंदा हो गया है। कारोबारी हिमाचल प्रदेश से माल मंगाने लगे हैं और दून की नदियों में माफिया का कब्जा बढ़ने लगा है। आलम ये है कि पिछले छह दिन 150 के आसपास ही ट्रक माल लेने पहुंचे। यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में करीब 65 फीसद कम है।

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अवैध खनन ढोने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, जल्द इसके लिए अभियान चलाया जाएगा।

प्रताप शाह, एडीएम प्रशासन


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