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नेपाल के हर भूकंप पर रहेगी भारत की नजर

जागरण संवाददाता, देहरादून: यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (यूएसजीएस) एजेंसी के माध्यम से अप्रैल 2015 में नेपा

By Edited By: Published: Sat, 10 Oct 2015 01:04 AM (IST)Updated: Sat, 10 Oct 2015 09:19 AM (IST)
नेपाल के हर भूकंप पर रहेगी भारत की नजर

जागरण संवाददाता, देहरादून: यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (यूएसजीएस) एजेंसी के माध्यम से अप्रैल 2015 में नेपाल में आए भूकंप की जानकारी विश्वभर में तत्काल मिल गई थी। जबकि, नेपाल के सबसे करीब होने के बावजूद भारतीय संस्थान यह जानकारी देने में नाकाम रहे। इसकी वजह थी, नेपाल के सीमा क्षेत्र में भारतीय संस्थानों के सिस्मोग्राफ व एक्सलेरोग्राफ का न होना। भविष्य में ऐसा न हो, इसलिए वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान ने भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र में 10 सिस्मोग्राफ व 8 एक्सलेरोग्राफ लगाने का निर्णय लिया है।

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वाडिया संस्थान के निदेशक प्रो. एके गुप्ता के मुताबिक करीब तीन करोड़ रुपये के उपकरण खरीद भी लिए गए हैं। सिस्मोग्राफ व एक्सलेरोग्राफ के अलावा पांच जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) भी लगाए जा रहे हैं। भूकंप को लेकर तमाम डाटा जुटाने के साथ ही यह जानने के प्रयास भी किए जाएंगे कि नेपाल में आए भूकंप का भारतीय सीमा पर क्या असर पड़ा है। गुरुवार को संपन्न हुई हिमालय-कराकोरम-तिब्बत कार्यशाला में नेपाल के माइनिंग व जियोलॉजी डिपार्टमेंट के उप महानिदेशक सोमनाथ कपकोटा ने भारत के इस कदम का स्वागत करते हुए खुद भी सीमा क्षेत्र में 20 सिस्मोग्राफ व एक्सलेरोग्राफ लगाने की बात कही।

संस्थान के भू-भौतिकी विभाग के प्रमुख डॉ. सुशील कुमार ने बताया कि एक उपकरण 100 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में आने वाले भूकंपों की जानकारी देगा। इस तरह भारत व नेपाल के उपकरण मिलकर हर भूकंप पर निगाह रखेंगे। दोनों देश आपस में डाटा का आदान-प्रदान कर भूकंप के पूर्वानुमान की दिशा में अहम काम करेंगे।

वी-सेट से मिलेगा तत्काल डाटा

वरिष्ठ विज्ञानी डॉ. सुशील कुमार के अनुसार उपकरणों में एक विशेष प्रकार का सिमकार्ड लगा होगा, जो वी-सेट से कनेक्ट होगा। भूकंप आने पर ऑनलाइन ही डाटा मिलने लगेगा। यदि उपकरणों में वी-सेट कनेक्टिविटी नहीं होगी तो संबंधित स्टेशन से डाटा लेने में महीनों भी लग सकते हैं। भूकंप की जानकारी लोगों तक तत्काल पहुंचाने के लिए एक वेबसाइट भी बनाई जा रही है। साइट पर हर भूकंप की जानकारी तत्काल प्रदर्शित कर दी जाएगी।


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