पीडीएफ तो कांग्रेस ही है: मुख्यमंत्री
राज्य ब्यूरो, देहरादून: आगामी विधानसभा चुनावों में सरकार को भितरघात का डर सता रहा है। चाहे वे कांग्र
राज्य ब्यूरो, देहरादून: आगामी विधानसभा चुनावों में सरकार को भितरघात का डर सता रहा है। चाहे वे कांग्रेसी हों या फिर सरकार का सहयोगी दल पीडीएफ, दोनों ही सरकार के लिए चुनौती हैं।
न्यू कैंट रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास में मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि आगामी चुनावों में सरकार को चुनौती किसी और से नहीं बल्कि अपनों से ही मिलती नजर आ रही है। यदि कांग्रेस में अंदरूनी लड़ाई न हो तो कांग्रेस 45 सीट जीत सकती है। उन्होंने कहा कि खतरा भाजपा से नहीं बल्कि अपनों से है। दरअसल, कांग्रेस में एक गुट मुख्यमंत्री के तौर तरीकों पर लगातार सवाल उठा रहा है। हाल ही में समाज कल्याण मंत्रालय सुरेंद्र सिंह नेगी के हिस्से जाने के बाद यह धड़ा और मुखर हो रहा है। वहीं, पीडीएफ के मसले पर पूछे गए सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि पीडीएफ भी तो कांग्रेस ही है। दरअसल, पीडीएफ के अधिकांश विधायक कांग्रेस के विद्रोही हैं, जिन्होंने पार्टी से टिकट न मिलने पर निर्दलीय चुनाव में ताल ठोकी थी। इन विधायकों के क्षेत्र में कद्दावर कांग्रेसी नेता भी हैं। ऐसे में निश्चित तौर पर टिकटों को लेकर कांग्रेस में असमंजस है। वहीं पीडीएफ के संयोजक मंत्री प्रसाद नैथानी ने कहा कि पीडीएफ सरकार के साथ चल रही है। मुख्यमंत्री ने भी पीडीएफ के महत्व को पूरा को पूरा सम्मान दिया है। उन्होंने कहा कि पीडीएफ सरकार के लिए आक्सीजन है। हम कार्बनडाई आक्साईड नहीं हैं।