गुणवत्ता सुधार को बदलाव की जरूरत
जागरण संवाददाता, देहरादून: उच्च शिक्षा में सुधार के लिए प्रत्येक कॉलेज में इंटरनल क्वालिटी एश्योरेंस
जागरण संवाददाता, देहरादून: उच्च शिक्षा में सुधार के लिए प्रत्येक कॉलेज में इंटरनल क्वालिटी एश्योरेंस सेल (आइक्यूएसी) स्थापित की जानी चाहिए। इसके साथ ही सीबीसीएस व्यवस्था को लागू किए जाने का लाभ तभी होगा, जब इसके अनुसार मानव संसाधन कॉलेजों में तैनात किया जाए। नैक के सहयोग से आयोजित राष्ट्रीय सेमीनार के पहले दिन इन मुद्दों पर विशेषज्ञों ने राय रखी। सेमीनार में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान समेत कई राज्यों के कॉलेजों से 200 प्रतिनिधि शामिल हुए।
शुक्रवार को एसजीआरआर पीजी कॉलेज में नेशनल एसेसमेंट एंड एक्रीडिटेशन काउंसिल (नैक) के सहयोग से 'रोल ऑफ आइक्यूएसी इन एनहासिंग क्वालिटी ऑफ टीचिंग, लर्निग एंड इवैल्यूएशन प्रोसैस' विषय पर आयोजित दो दिवसीय सेमीनार शुरू हुई। उद्घाटन सत्र में डॉ. उदय सिंह रावत ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है। स्नातक स्तर पर सेमेस्टर और सीबीसीएस व्यवस्था लागू की गई है, लेकिन अधिकाश महाविद्यालय इस विषय को लेकर अभी अनभिज्ञ हैं। वहीं, कॉलेजों के पास संसाधन भी नहीं हैं। इस व्यवस्था का लाभ तभी है, जब पर्याप्त संसाधन और मानव संसाधन कॉलेजों में हो।
सेमीनार में मुख्य वक्ता प्रो. दुर्गेश पंत ने कहा कि हर कॉलेज में प्लेसमेंट सेल की व्यवस्था होनी चाहिए। छात्रों के सर्वागीण विकास के लिए पर्याप्त संसाधन विकसित किए जाने की जरूरत है। इसके लिए शिक्षकों भी मार्गदर्शन की जरूरत है। श्री गुरुराम राय एजुकेशन मिशन के हस्ताक्षरी प्रबंधक जीएस राणा ने इस मौके पर श्री महंत देवेंद्र दासजी महाराज का संदेश पढ़कर सुनाया। उन्होंने श्री देव सुमन विवि को सीमित संसाधनों में ही गुणवत्तापरक शिक्षा देने के लिए बधाई दी। इसी कड़ी में कॉलेज के प्राचार्य प्रो. वीए बौड़ाई ने कहा कि कॉलेज का बेहतर शैक्षणिक माहौल, लगातार अच्छा परिणाम और सुव्यवस्था के चलते एसजीआरआर पीजी कॉलेज मेधावी छात्र-छात्राओं की पहली पंसद है।
महाविद्यालय की नैक कॉर्डिनेटर डॉ. मधु डी सिंह ने बताया कि इस दो दिवसीय सेमीनार में अनेक शिक्षाविद संबंधित विषय पर शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे। इस मौके पर आयोजन महासचिव डॉ. सीमा सक्सेना, कार्यक्रम सचिव डॉ. संदीप नेगी, डॉ. एसके पडालिया ने भी विचार व्यक्त किए। संचालन डॉ. अनुपमा सैनी और डॉ. सीमा सक्सेना ने किया। इस दौरान डॉ. दिनेश सिंह, डॉ. अतुल कुमार गुप्ता, डॉ. संदीप नेगी, डॉ. संजय पडालिया आदि मौजूद थे।