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एलबीएसएए प्रकरण: 186 दिन बाद रूबी के विरुद्ध चार्जशीट

जागरण संवाददाता, देहरादून: लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी मसूरी के फर्जीवाड़ा प्रकरण में आखिरका

By Edited By: Published: Tue, 06 Oct 2015 11:53 PM (IST)Updated: Tue, 06 Oct 2015 11:53 PM (IST)
एलबीएसएए प्रकरण: 186 दिन बाद रूबी के विरुद्ध चार्जशीट

जागरण संवाददाता, देहरादून: लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी मसूरी के फर्जीवाड़ा प्रकरण में आखिरकार पुलिस ने 186 दिन बाद आरोपी रूबी चौधरी के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय को प्रेषित कर दी। ज्येष्ठ अभियोजन अधिकारी कार्यालय में अवलोकन के बाद चार्जशीट को एक-दो दिन में न्यायालय में दाखिल कर दिया जाएगा। रूबी के खिलाफ धोखाधड़ी करने, फर्जी दस्तावेज तैयार करने और लोक सेवक का प्रतिरूपण करने संबंधी आरोप में चार्जशीट कोर्ट भेजी गई। बता दें कि एक माह पूर्व प्रकरण की जांच करने वाली एसआइटी ने चार्जशीट जिला पुलिस को सौंप दी थी। तब से एसएसपी पुष्पक ज्योति उसका परीक्षण कर रहे थे।

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गौरतलब है कि इस वर्ष 31 मार्च को एलबीएसएए प्रकरण में मुजफ्फरनगर के कुटबी गांव निवासी रूबी चौधरी के खिलाफ मसूरी कोतवाली में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया गया था। रूबी पर आरोप था कि वह फर्जी दस्तावेजों के जरिए अकादमी प्रशासन को धोखे में रखकर वहां छह माह तक रही। मुकदमा दर्ज होने से दो दिन पहले ही रूबी चौधरी फरार हो गई थी। लेकिन, दो अप्रैल को नाटकीय रूप में रूबी मीडिया के सामने आई और खुद पर लगाए गए आरोपों को निराधार बताया। उसने अकादमी के उपनिदेशक सौरभ जैन पर गंभीर आरोप लगाए। कहा कि जैन ने उसे नौकरी का झांसा देकर अकादमी में रहने को कहा। मामला अति संवेदनशील संस्थान से जुड़ा होने के कारण पुलिस मुख्यालय की ओर से इसमें दो अप्रैल को ही एक विशेष जांच दल का गठन कर दिया गया। एक दिन की प्राथमिक जांच के बाद तीन अप्रैल को एसआइटी ने रूबी चौधरी को गिरफ्तार कर लिया। एएसपी शाहजहां जावेद अंसारी के नेतृत्व वाली एसआइटी ने रूबी चौधरी को लेकर अकादमी में भी पूछताछ की। इसके बाद रिमांड लेकर टीम उसे मेरठ और नैनीताल भी ले गई। जहां से अकादमी की यूनिफार्म, लाइब्रेरी की किताबें, रूबी का कंप्यूटर आदि बरामद किए गए। करीब डेढ़ माह जेल में रहने के बाद 16 मई को रूबी चौधरी को जिला न्यायालय ने जमानत दे दी।

इस प्रकरण में एएसपी शाहजहां अंसारी के बाद एएसपी ममता वोहरा और फिर एसएसपी एसटीएफ डॉ. सदानंद दाते को एसआइटी का प्रभारी बनाया गया। डॉ. दाते ने 42 पन्नों की चार्जशीट तैयार कर जिला पुलिस को सौंप दी। जहां एसएसपी पुष्पक ज्योति और फिर पुलिस मुख्यालय में उसका परीक्षण किया गया। मंगलवार को एसएसपी पुष्पक ज्योति ने बताया कि जिला पुलिस की ओर से चार्जशीट को ज्येष्ठ अभियोजन अधिकारी कार्यालय भेज दिया गया है। जहां से एक-दो दिन बाद इसे न्यायालय में दाखिल किया जाएगा। बता दें कि मंगलवार को सीजेएम कोर्ट मसूरी में बैठी थी।


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