समाज कल्याण महकमा बजट खर्च में पिछड़ा
राज्य ब्यूरो, देहरादून समाज कल्याण महकमा बजट का इस्तेमाल करने में पिछड़ रहा है। हाल ये है कि महकमे
राज्य ब्यूरो, देहरादून
समाज कल्याण महकमा बजट का इस्तेमाल करने में पिछड़ रहा है। हाल ये है कि महकमे की कई छात्रवृत्तियां बंट नहीं सकी हैं। मुख्य सचिव ने महकमे को बजट का तेजी से उपयोग करने के साथ ही छात्रवृत्ति के लिए बजट की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उधर, लघु सिंचाई महकमे को तेजी से काम करने और तुरंत पैसा लेने को कहा गया है।
प्रदेश में विभिन्न महकमों के लिए बजट की व्यवस्था करने को अनुपूरक मांगों की मुख्य सचिव राकेश शर्मा ने समीक्षा शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग की ओर से 850 करोड़ की मांग आई है। इसमें से 300 करोड़ नाबार्ड से मुहैया कराए जाएंगे। लघु सिंचाई को तेजी से काम करने को कहा गया है। साथ ही इन कार्यो के लिए धन की कमी नहीं होने दी जाएगी। प्रदेश में परंपरागत खेती की मुहिम को परवान चढ़ाने की सरकार की कोशिशों को कामयाबी मिली है। केंद्र सरकार ने परंपरागत खेती को बढ़ावा देने को 19 करोड़ की धनराशि मुहैया करा दी है। अब महकमों से मंडुआ, झंगोरा आदि के उत्पादन को बढ़ाने के लिए ठोस योजनाओं के प्रस्ताव मांगे गए हैं।
तकनीकी शिक्षा में नए पालीटेक्निकों और आइटीआइ के लिए भवनों के निर्माण की मुख्यमंत्री की घोषणाओं को पूरा करने के लिए 30 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान अलग से किया जाएगा। माध्यमिक शिक्षा में नवोदय और अभिनव विद्यालयों में संसाधन जुटाने के लिए भी वित्तीय मदद दी जाएगी। गृह महकमे ने पुलिस आधुनिकीकरण, पुलिस आवास और पुलिस ट्रेनिंग कालेज को सुदृढ़ करने को धन की मांग की है। मुख्य सचिव ने बताया कि बजट खर्च की समीक्षा भी की जा रही है। खर्च में किस स्तर पर खामियां रहीं, उन्हें दूर करने के लिए भी महकमों को निर्देश दिए गए हैं।