नया फंडिंग मैकेनिज्म 15 दिन में
राज्य ब्यूरो, देहरादून प्रदेश में विकास कार्यो को रफ्तार देने में आड़े आ रही धन की कमी से निपटने के
राज्य ब्यूरो, देहरादून
प्रदेश में विकास कार्यो को रफ्तार देने में आड़े आ रही धन की कमी से निपटने के लिए सरकार बाजार पर आधारित नया फंडिंग मैकेनिज्म तैयार कर रही है। पखवाड़ेभर में इसे अंतिम रूप दिया जाएगा। नई व्यवस्था में राज्य सरकार अपनी जरूरतों के लिए बाजार से पैसा जुटाएगी। वहीं मुख्यमंत्री की कई महत्वपूर्ण घोषणाओं को पूरा करने के लिए नाबार्ड से पैसा जुटाया जाएगा।
मुख्य सचिव राकेश शर्मा ने बताया कि राज्य की वित्तीय जरूरतों को ध्यान में रखकर नए फंडिंग मैकेनिज्म को अपनाना बेहद आवश्यक है। अभी राज्य सरकार अपनी विकास संबंधी जरूरतों को पूरा करने के विश्व बैंक व एशियन विकास बैंक, जायका और आइफैड के साथ ही राजस्व के विभिन्न स्रोतों से आमदनी से होने वाली घरेलू फंडिंग पर निर्भर है। विकास की बढ़ती अपेक्षाओं को पूरा करने में वित्तीय संकट आड़े न आए, इसके लिए फंडिंग मैकेनिज्म को बदला जाएगा। यह बाजार आधारित होगा। सरकार बाजार से निवेश और ऋण के जरिए फंड जुटाएगी। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार भी फंडिंग मैकेनिज्म में बदलाव पर जोर दे रही है। इसी वजह से नाबार्ड से ज्यादा वित्तीय मदद लेने की कोशिश की जा रही है। मुख्यमंत्री की घोषणाओं को पूरा करने के लिए भी फंड का प्रावधान किया जाएगा। नाबार्ड से तकरीबन 1000 करोड़ का ऋण लेने की योजना है।
उन्होंने बताया कि केंद्रीय बिक्री कर का तकरीबन 2000 करोड़ राज्य का केंद्र पर बकाया है। इसमें वर्ष 2011-12 का बकाया 480 करोड़ राज्य को मिल चुका है। 2012-13 का बकाया 900 करोड़ और मिलेगा। उन्होंने कहा कि वस्तु सेवा कर (जीएसटी) लागू होने से सर्वाधिक फायदा राज्यों को होगा। उन्हें बकाया केंद्रीय बिक्री की धनराशि के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा।