पूर्व सैनिक व अर्द्घसैनिक बराबर: मुख्यमंत्री
राज्य ब्यूरो, देहरादून: पूर्व केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल कार्मिक संगठन से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्र
राज्य ब्यूरो, देहरादून: पूर्व केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल कार्मिक संगठन से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि सरकार के लिए पूर्व सैनिक व अर्द्ध सैनिक बराबर हैं। सरकार अर्द्धसैनिकों को पूर्व सैनिकों की भांति ही सुविधा देने को प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि जिन अर्द्ध सैनिक बलों को अभी तक आबकारी की सुविधा मुहैया नहीं है, उन्हें यह सुविधा देने के लिए उचित कदम उठाया जाएगा। इस दौरान मुख्यमंत्री ने वाहनों की खरीद में वैट पर छूट दिए जाने के मसले पर उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया।
बुधवार को पूर्व केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल कार्मिक संगठन के प्रतिनिधिमंडल ने अध्यक्ष व पूर्व आईजी एसएस कोठियाल के नेतृत्व में मुख्यमंत्री हरीश रावत से मुलाकात की। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री हरीश रावत का ध्यान पूर्व अर्द्धसैनिकों के संबंध में जारी शासनादेश की ओर आकृष्ट कराया। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि अर्द्ध सैनिकों को पूर्व सैनिकों की भांति ही सुविधाएं देने के संबंध में सरकार ने मार्च 2014 में शासनादेश जारी किया था लेकिन इसका अभी तक पूरी तरह से अनुपालन नहीं हो पा रहा है। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री ने बीएसएफ, सीआरपीएफ, असम रायफल्स व सीआइएसएफ के जवानों को आबकारी सुविधा दिए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि अभी केवल दो अर्द्धसैनिक बलों को ही यह सुविधा अनुमन्य है। इसे सभी अर्द्ध सैनिक बलों के लिए लागू किया जाना चाहिए। संगठन ने अर्द्धसैनिकों को भी वन रैंक वन पेंशन और कुमाऊं में सीजीएचएस स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के लिए केंद्र से पत्राचार करने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रतिनिधिमंडल की बातों को गंभीरता से सुना और मांगों पर उचित कार्यवाही का आश्वासन भी दिया।
प्रतिनिधिमंडल में संगठन के महासचिव जीएस फस्र्वाण के अलावा संगठन के नैनीताल शाखा के अध्यक्ष सीएस मार्तोलिया, पिथौरागढ़ शाखा के शैलेश मेहता, द्वाराहाट के एमएस नेगी, द्वाराहाट के आन सिंह व देहरादून से एनएस भंडारी आदि शामिल थे।