हड़ताल का व्यापक असर, जनता की फजीहत
जागरण टीम, देहरादून: श्रमिक संगठनों की देशव्यापी हड़ताल का उत्तराखंड में भी व्यापक असर रहा। राज्य परि
जागरण टीम, देहरादून: श्रमिक संगठनों की देशव्यापी हड़ताल का उत्तराखंड में भी व्यापक असर रहा। राज्य परिवहन निगम की बसों समेत सार्वजनिक वाहनों के पहिये भी थमे रहे, जिससे आम जन की दिनभर फजीहत हुई। चारधाम रूट पर कई जगह यात्री फंसे रहे। विभिन्न बैंक शाखाएं बंद रहने से लगभग 2500 करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ। कुमाऊं मंडल में करीब 600 करोड़ का लेनदेन प्रभावित हुआ। रक्षा संस्थानों व औद्योगिक इकाईयों में हड़ताल का खासा असर रहा। विभिन्न जिलों में केंद्र के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन हुए। हरिद्वार में बीएचईएल कार्मिकों और हड़तालियों के बीच विवाद बढ़ने पर पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा, जिससे गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने एक बस पर पथराव कर दिया।
प्रदेश भर में हड़ताल के चलते रात 12 बजे से ही रोडवेज बसों के पहिए थम गए। सिटी बसों, आटो, विक्रम, टैक्सी, जीएमओयू व अन्य परिवहन सेवाओं के हड़ताल में शामिल होने से यात्रियों व स्थानीय लोगों को खासी परेशानियां उठानी पड़ीं। देहरादून स्थित आर्डिनेंस फैक्ट्री में कर्मचारियों व अफसरों के बीच नोकझोंक हुई। श्रमिक संगठनों ने गांधी पार्क से रैली निकालकर घंटाघर पर प्रदर्शन किया। आइएसबीटी पर रोडवेज कर्मियों ने केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गड़करी के पुतले फूंके।
सिटी मजिस्ट्रेट के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन भी भेजा। जगह-जगह सवारी बैठाने को लेकर कुछ आटो चालकों और हड़तालियों में छिटपुट विवाद हुए। इस दौरान ज्यादातर निजी स्कूल बंद रहे, जबकि राजकीय व केंद्रीय विद्यालय खुले रहे। देर शाम रोडवेज की बसों का संचालन शुरू कर दिया गया। हरिद्वार में बीएचईएल में काम कर रहे अफसरों व कर्मियों से हड़तालियों का विवाद हुआ। एक अधिकारी के कपड़े फाड़ दिए गए। विवाद बढ़ने पर पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा, जिससे गुस्साए हड़तालियों ने बीएचईएल की एक बस में पथराव किया। हालांकि, किसी के घायल होने की सूचना नहीं है।
उत्तरकाशी जिले में निजी वाहन से गंगोत्री से लौटकर केदारनाथ जा रहे गुजरात के 42 यात्रियों के एक दल को चालक परिचालक संघ ने रोक लिया। वहीं गंगोत्री धाम से लौट रहे करीब 200 यात्री भटवाड़ी, चिन्यालीसौड़ में वाहन न मिलने के कारण फंसे रहे। पहाड़ी क्षेत्रों में गैस, दूध, सब्जी आदि की आपूर्ति भी ठप रही। कुमाऊं मंडल में रोडवेज के दस डिपो से रोजाना चलने वाली करीब 350 बसों के पहिये भी मंगलवार देर रात से जाम हो गए। लगभग 2450 सार्वजनिक व निजी वाहनों का संचालन भी ठप रहा।
हल्द्वानी में स्टेट बैंक व उत्तराखंड ग्रामीण बैंक को छोड़कर अन्य सभी बैंक व बीमा कार्यालय बंद रहे। नैनीताल जिले में करीब 350 करोड़ का लेनदेन प्रभावित हुआ। ऊधमसिंहनगर जिले में भी स्टेट बैंक को छोड़कर सभी बैंकों के कर्मचारी हड़ताल पर रहे। जिले में 225 करोड़ से अधिक का लेनदेन प्रभावित हुआ। बसों, टैक्सियों व ट्रेड यूनियनों की हड़ताल का असर रुद्रपुर व सितारगंज के सिडकुल क्षेत्र में भी दिखाई दिया।
उद्योगों में उत्पादन तो रोजाना की तरह जारी रहा, लेकिन सिडकुल क्षेत्र में रौनक नदारद रही। अल्मोड़ा व पिथौरागढ़ जिले में एक-एक करोड़ और चम्पावत जिले में तीन करोड़ से अधिक का लेनदेन प्रभावित हुआ। आंदोलनकारियों ने संयुक्त रूप से रैली निकालकर प्रदर्शन किया। केंद्र सरकार व केंद्रीय सड़क व भूतल परिवहन मंत्री नितिन गड़करी के पुतले फूंके।