शिक्षणेत्तर कर्मियों ने फिर कसी आंदोलन को कमर
जागरण संवाददाता, देहरादून: अशासकीय महाविद्यालय शिक्षणेत्तर कर्मचारी परिषद की कोर कमेटी की बुधवार को
जागरण संवाददाता, देहरादून: अशासकीय महाविद्यालय शिक्षणेत्तर कर्मचारी परिषद की कोर कमेटी की बुधवार को आपात बैठक आयोजित की गई। बैठक में परिषद से संबद्ध 17 अशासकीय महाविद्यालयों के शिक्षणेत्तर कर्मचारियों ने भाग लिया। इस दौरान शासन स्तर पर लंबित आठ सूत्रीय मांगों पर कार्रवाई न होने पर कर्मचारियों ने रोष प्रकट किया।
परिषद के महामंत्री गजेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि 15 मई को तत्कालीन उच्च शिक्षा सचिव राधिका झा के साथ परिषद की बैठक हुई थी। जिसमें विधायक राजकुमार भी शामिल थे। बैठक में आठ सूत्रीय मांगों पर सहमति बनी थी और शासन ने इनके निस्तारण के लिए एक माह का समय निर्धारित किया था। इस कारण परिषद ने कार्य बहिष्कार का इरादा त्याग दिया था। लेकिन, चार माह बाद भी किसी मांग पर कार्रवाई नहीं हुई। परिषद ने तत्कालीन मुख्य सचिव एन. रविशंकर व प्रमुख सचिव वित्त राकेश कुमार से वार्ता भी की, लेकिन हल नहीं निकला। ऐसे में अब आंदोलन का ही विकल्प बचा है। बैठक में चरणबद्ध आंदोलन का निर्णय लिया गया। काली पंट्टी बांध विरोध-प्रदर्शन, सचिवालय घेराव व अनशन की रणनीति पर विचार किया गया। बैठक में केएन घोष, महावीर प्रसाद कंसवाल, चिंतामणि नौटियाल, जेएल श्रीवास्तव, विराज, किशोर प्रसाद, राजन, हरीश सेमवाल, भगवान सिंह, श्याम सिंह आदि उपस्थित रहे।
ये हैं मांगें
-एसीपी का लाभ मिले।
-लिपिकीय संवर्ग का पदनाम एवं वेतनमान संशोधित किया जाए।
-प्रयोगशाला संवर्ग के ढांचे का पुनर्गठन हो।
-वरिष्ठ प्रयोगशाला सहायक की वेतन विसंगति दूर की जाए।
-शिक्षणेत्तर कर्मियों की सेवानिवृत्ति माह के अंतिम दिन हो।
-प्रयोगशाला सहायक व प्रयोगशाला परिचर की शैक्षिक अहर्ताओं का उच्चीकरण।
-पदोन्नति का कोटा 15 फीसद से बढ़ाकर 50 प्रतिशत किया जाए।
-अवकाश नकदीकरण, यात्रा प्रतिकर भत्ता व चिकित्सा प्रतिपूर्ति का लाभ मिले।