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स्वच्छ नदियों के सपने पर बजट का रोड़ा

जागरण संवाददाता, देहरादून: केंद्र सरकार से जवाहरलाल नेहरू नेशनल अर्बन रेनूवल मिशन (जेएनएनयूआरएम)

By Edited By: Published: Tue, 01 Sep 2015 01:21 AM (IST)Updated: Tue, 01 Sep 2015 01:21 AM (IST)
स्वच्छ नदियों के सपने पर बजट का रोड़ा

जागरण संवाददाता, देहरादून:

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केंद्र सरकार से जवाहरलाल नेहरू नेशनल अर्बन रेनूवल मिशन (जेएनएनयूआरएम) पर रोक लगने से स्वच्छ नदियों का सपना चकना चूर होता नजर आ रहा है। योजना के तहत दून में निर्माणाधीन सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और सीवर लाइन का कार्य बजट नहीं आने के कारण ठप पड़ गया है, जबकि इन पर करीब 117 करोड़ रुपये पहले ही खर्च हो चुके हैं।

जेएनएनयूआरएम के तहत दून में पांच सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और 89 किमी सीवर लाइन बिछाई जानी थी। इसके लिए जल निगम को करीब 117 करोड़ रुपये की वित्तीय मंजूरी मिली। जिसमें से 111 करोड़ रुपये जल निगम को मिल गए। इसमें निगम ने डेढ़ साल पहले तीन सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का 90 फीसद, एक का 30 फीसद और एक प्लांट का काम पूरा कर लिया। बाकी के काम को पूरा करने के लिए जल निगम को बचे हुए 6.41 करोड़ रुपये की जरूरत है, लेकिन बार-बार मांग पत्र भेजने के बावजूद केंद्र से बजट नहीं मिला रहा। अब बीते अप्रैल माह में केंद्र ने योजना को ही बंद कर दिया। जिसके बाद से लंबित निर्माण कार्यो के लिए शेष बजट नहीं मिल पाया है। ऐसे में पूरी योजना डंप पड़ी हुई है। इन सीवरेज प्लांटों से हर दिन 1.91 करोड़ लीटर सीवरेज का निस्तारण किया जाना था, लेकिन योजना अधर में लटकी होने के कारण यह पूरा सीवर आज भी दून की नदियों को गंदा कर रहा है।

यह है सीवरेज प्लांट की स्थिति

मोथरोवाला-20 एमएलडी

यह प्लांट तैयार है, लेकिन यहां कुछ इलाकों में पाइप लाइन नहीं बिछने के कारण यहां मात्र आठ एमएलडी सीवर ही पहुंच पा रहा है। साथ ही प्लांट तैयार होने के बाद 1.50 करोड़ रुपये जल निगम पर ठेकेदारों का भी बकाया है।

इंदिरानगर-पांच एमएलडी

इस प्लांट का अब तक मात्र 30 फीसद काम ही पूरा हो पाया है।

विजय कॉलोनी- 42 एमएलडी- 90 फीसद काम पूरा

जाखन-एक एमएलडी- 90 फीसद काम पूरा।

सालावाला- 71 एमएलडी- 90 फीसद काम पूरा, लेकिन बाकी बजट न आने के कारण काम पूरा नहीं हो पा रहा।

'तीन प्लांट 90 फीसद पूरे हैं और एक 30 फीसद, लेकिन बजट न आने के कारण काम पूरा नहीं हो पा रहा है। इस संबंध में लगातार पत्राचार किया जा रहा है। बजट मिलने के बाद ही अवशेष कार्य पूरा किया जाएगा।'

एनएस बिष्ट, अधीक्षण अभियंता, पेयजल निगम


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