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सीएम और शिक्षा मंत्री में फिर खींचतान

राज्य ब्यूरो, देहरादून सर्व शिक्षा अभियान में नए चयनित 1297 ब्लाक रिसोर्स पर्सन (बीआरपी) और सर्किल

By Edited By: Published: Tue, 01 Sep 2015 01:20 AM (IST)Updated: Tue, 01 Sep 2015 01:20 AM (IST)
सीएम और शिक्षा मंत्री में फिर खींचतान

राज्य ब्यूरो, देहरादून

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सर्व शिक्षा अभियान में नए चयनित 1297 ब्लाक रिसोर्स पर्सन (बीआरपी) और सर्किल रिसोर्स पर्सन (सीआरपी) की नियुक्ति के मसले पर सरकार के भीतर ही रार मच गई है। शिक्षक संघों के दबाव में प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर इन नई नियुक्तियों की कसरत ने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को एक बार फिर आमने-सामने ला खड़ा किया है। शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने नए बीआरपी-सीआरपी का प्रशिक्षण तत्काल शुरू करने के निर्देश दिए हैं। वहीं मंत्री के निर्देश के बावजूद सोमवार को भी नई नियुक्तियों पर फैसला नहीं हो पाया है। इसके पीछे मुख्यमंत्री से हरी झंडी नहीं मिलने को अहम माना जा रहा है।

प्रदेश में बीआरपी-सीआरपी के पदों पर कई सालों से प्राथमिक और जूनियर हाईस्कूलों के शिक्षक जमे हुए हैं। इन शिक्षकों की संबंधित शिक्षक संगठनों पर मजबूत पकड़ है। प्राथमिक शिक्षकों का सबसे बड़ा संगठन प्राथमिक शिक्षक संघ उत्तराखंड बीआरपी-सीआरपी में नई नियुक्तियों के पक्ष में नहीं है। दरअसल, बीआरपी-सीआरपी के चयन की नई व्यवस्था में उक्त पदों पर प्राथमिक और जूनियर हाईस्कूल शिक्षकों के हाथ बाजी लगने की संभावना कम हो चुकी है। नई व्यवस्था का फायदा माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को ज्यादा मिल रहा है। बीआरपी और सीआरपी बनने के लिए बतौर शिक्षक पांच वर्ष की सेवा और ग्रेड वेतन 4600 होना चाहिए। प्राथमिक शिक्षकों के लिए उक्त ग्रेड वेतन बड़ी बाधा बन गया है। इस प्रावधान ने राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों के लिए बीआरपी-सीआरपी में जगह बनाने के रास्ते खोल दिए हैं। प्रतिनियुक्ति में होने वाली नई तैनाती के लिए हुई परीक्षा में माध्यमिक शिक्षकों को ज्यादा कामयाबी मिली। नतीजतन बेसिक शिक्षा से जुड़े शिक्षक पिछड़ गए।

वहीं बीआरपी-सीआरपी के मौजूदा पदों पर जमे शिक्षक इन पदों को छोड़ने के पक्ष में नहीं हैं। प्राथमिक शिक्षा में गुणवत्ता के लिए सरकार ने नई व्यवस्था लागू की है। अब इस व्यवस्था को लेकर बेसिक शिक्षक और माध्यमिक शिक्षकों के संगठन आमने-सामने हो गए हैं। यही नहीं, इस मामले में मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री का रुझान भी अलहदा है। प्राथमिक शिक्षक संघ के शीर्ष पदाधिकारियों की मुख्यमंत्री हरीश रावत से नजदीकी के चलते नए बीआरपी-सीआरपी की नियुक्तियों का मसला उलझा हुआ है। नए चयनित शिक्षकों को लंबे अरसे बाद भी ज्वाइनिंग नहीं मिल पाई है। हालांकि सोमवार को विभागीय समीक्षा के दौरान शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने नए चयनित बीआरपी-सीआरपी का प्रशिक्षण शुरू करने के निर्देश प्रारंभिक शिक्षा सचिव डी सेंथिल पांडियन और शिक्षा महानिदेशक डी सेंथिल पांडियन को दिए। पांडियन उक्त पत्रावली को ऊपर मूव कर चुके हैं, लेकिन अपर मुख्य सचिव एस राजू की ओर से उक्त पत्रावली को हरी झंडी नहीं मिल सकी है। अपर मुख्य सचिव के इस रुख के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय का दबाव बताया जा रहा है। संपर्क करने पर अपर मुख्य सचिव एस राजू ने कहा कि उक्त नियुक्तियों के बारे में अभी फैसला नहीं हुआ है।


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