राष्ट्रीय वन अकादमी के टॉपर बने गेदाम
राज्य ब्यूरो, देहरादून: इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी के सत्र 2013-15 में कुल 76 भारतीय वन सेवा प
राज्य ब्यूरो, देहरादून: इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी के सत्र 2013-15 में कुल 76 भारतीय वन सेवा परिवीक्षार्थियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया, जिनमें 28 महिला प्रशिक्षु और भूटान के दो विदेशी प्रशिक्षु शामिल हैं। इस बैच के 50 आइएफएस अधिकारियों ने 75 फीसद से अधिक अंक प्राप्त कर ऑनर्स डिप्लोमा हासिल किया। आंध्र प्रदेश कैडर के आइएफएस अफसर शेखर बाबू गेदाम ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए ऑल राउंड आउटस्टैंडिंग परफारमेंस समेत कुल नौ पुरस्कार हासिल किए।
एफआरआई स्थित राष्ट्रीय वन आकादमी के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि केंद्रीय वन व पर्यावरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रकाश जावड़ेकर ने सफलतापूर्वक अपना प्रशिक्षण पूर्ण करने वाले सभी अधिकारियों को अकादमी के एसोसिएट डिप्लोमा से सम्मानित किया। साथ ही, उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को पुरस्कार भी प्रदान किए। राष्ट्रीय वन अकादमी के इस बैच में कुल नौ पीएचडी, 43 परास्नातक व 24 अधिकारी स्नातक हैं। केंद्रीय राज्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों के दीर्घकालीन उपयोग और दृढ़ प्रतिबद्धता से विश्व स्तर पर गरीबी व भूख की चुनौती का सामना किया जा सकता है।
मानवता के अस्तित्व के लिए वन संरक्षण व विकास दोनों ही महत्वपूर्ण हैं। युवा वन अधिकारियों को गरीबी उन्मूलन के जरिए वनों के समक्ष उत्पन्न खतरों को अवसर में बदलने का माध्यम बनाना होगा। केंद्रीय सचिव वन पर्यावरण अशोक लवासा ने सभी युवा अधिकारियों को ग्लोबल वार्मिग से निपटने व वानिकी क्षेत्र के चिरस्थायी विकास के लिए नए विचारों को आगे लाने का आह्वान किया। वन महानिदेशक व विशेष सचिव डा. एसएस नेगी ने समस्त युवा अधिकारियों को भविष्य की चुनौतियों से अवगत कराया। साथ ही, सरकारी सेवा में व्यावसायिक दक्षता के महत्व पर बल दिया।
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जनजातियों के उत्थान की चाहत: गेदाम
देहरादून: इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी के सत्र 2013-15 के टॉपर आंध्र प्रदेश कैडर के आईएफएस शेखर बाबू गेदाम वनक्षेत्रों में वर्षो से गरीबी में जीवन व्यतीत कर रही जनजातियों का आर्थिक व सामाजिक उत्थान की चाहत रखते हैं। आंध्र प्रदेश के पश्चिम गोदावरी जिले के निवासी गेदाम ने दीक्षांत समारोह में नौ पुरस्कार हासिल किए। गेदाम बताते हैं कि 2013 में उनका चयन कृषि अनुसंधान सेवा व भारतीय वन सेवा दोनों में हुआ, मगर वन सेवा के जरिए वे गरीब वनवासी समाज की बेहतर सेवा कर सकते थे। लिहाजा, उन्होंने आईएफएस में जाने का निर्णय किया। उन्होंने कहा कि वन संरक्षण व विकास के बीच तालमेल बिठाना जरूरी है, मगर वन संपदा को बचाने के लिए सख्ती भी बेहद जरूरी है। जनजाति समाज की आजीविका को जंगल से जोड़कर ही उनका उत्थान संभव है। इस दिशा में योगदान करना भी उनकी प्राथमिकता रहेगी।
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इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन आकादमी के पुरस्कार विजेता..
-ऑल राउंड आउटस्टैंडिंग परफारमेंस- शेखर बाबू गेदाम (आंध्र प्रदेश)
-बेस्ट ऑल राउंड फारेस्टर- अब्दुल आलिम अंसारी (मध्य प्रदेश)
-टॉपर इन कोर फारेस्ट्री सब्जेक्ट- शेखर बाबू गेदाम (आंध्र प्रदेश)
-पी. श्रीनिवास मेमोरियल प्राइज- शेखर बाबू गेदाम (आंध्र प्रदेश)
-संजय सिंह मेमोरियल प्राइज- प्रियंका गहलोत (गुजरात)
-हिल मेमोरियल प्राइज- अरुणलाल पीजी (तमिलनाडू)
-डीसी अग्रवाल प्राइज- जयराज एन. (तमिलनाडू)
-इपी जी प्राइज- नरेश बाबू एन. (मणिपुर)
-आरएन माथुर प्राइज- शेखर बाबू गेदाम (आंध्र प्रदेश)
-केपी सगरेया प्राइज फार श्रेष्ठ वानिकी- शेखर बाबू गेदाम (आंध्र प्रदेश)
-वीएस राव प्राइज फार फॉरेन ट्रेनी- जमयांग छोडन (भूटान)
-नीलगिरी वाइल्ड लाइफ क्लब प्राइज- बिलाल मोहिउद्दीन भट्ट (उत्तर प्रदेश)
-सुलोचना नायडू मेमोरियल प्राइज- अब्दुल आलिम अंसारी (मध्य प्रदेश)
-डीएच कुलकर्णी गोल्ड मेमोरियल प्राइज- एस सुधा (तमिलनाडू)
-डा. बीएन गांगुली प्राइज- शेखर बाबू गेदाम (आंध्र प्रदेश)
-केएम तिवारी मेमोरियल प्राइज- एस सुधा (तमिलनाडू)
-सीरियर फारेस्टर प्राइज- शेखर बाबू गेदाम (आंध्र प्रदेश)
-बेस्ट कम्युनिकेशन स्किल प्रथम- दीक्षा भंडारी (उत्तर प्रदेश)
-बेस्ट कम्युनिकेशन स्कि्ल द्वितीय- सेमुअल वी पछुआ (केरल)