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निजी एजेंसी से होगी रमसा कर्मियों की बहाली

रविंद्र बड़थ्वाल, देहरादून राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (रमसा) के 628 कर्मचारियों की बहाली नई आ

By Edited By: Published: Tue, 01 Sep 2015 01:20 AM (IST)Updated: Tue, 01 Sep 2015 01:20 AM (IST)
निजी एजेंसी से होगी रमसा कर्मियों की बहाली

रविंद्र बड़थ्वाल, देहरादून

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राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (रमसा) के 628 कर्मचारियों की बहाली नई आउटसोर्सिग एजेंसी के जरिए होगी। ये एजेंसी निजी होगी। इसके लिए टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे। शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने नई एजेंसी के लिए टेंडर आमंत्रित करने के निर्देश दिए हैं। उधर, बहाली से वंचित रमसा कर्मचारियों ने शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी के विधानसभा क्षेत्र के कीर्तिनगर ब्लाक से आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दे डाली है।

चार महीने लंबे संघर्ष के बाद रमसा के विद्यालयों में आउटसोर्स पर कार्यरत 1831 प्रयोगशाला सहायक और कार्यालय सहायक कर्मचारियों को सरकार ने राहत देते हुए बीती चार अगस्त को सेवा बहाली के आदेश जारी किए थे। रोजगार छिनने से बेहाल इन कर्मचारियों की खुशियों पर कुछ दिन बाद ही ब्रेक लग गया। दरअसल, 1831 में से 1201 रमसा कर्मचारी सरकारी आउटसोर्स एजेंसी उपनल के जरिए नौकरी पर लगे थे, जबकि 628 कर्मचारी अन्य सरकारी एजेंसी हिल्ट्रान के जरिए कार्यरत थे। इन 628 कर्मचारियों की बहाली का मामला अब फंसा हुआ है। नियति का चक्र देखिए कि उपनल से आउटसोर्स का मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। वहीं हिल्ट्रान बंद हो चुका है। 628 कर्मचारियों के बारे में पीआरडी को बतौर आउटसोर्स एजेंसी बनाने की कसरत हुई, लेकिन युवा कल्याण महकमे के तहत कार्यरत पीआरडी इसके लिए तैयार नहीं हुई।

आउटसोर्स एजेंसी को लेकर मुद्दा उलझने से रमसा कर्मचारी बेचैन हैं। उनका संगठन इस मसले को शिक्षा मंत्री और शिक्षा महकमे के आला अधिकारियों के समक्ष उठा चुका है। तकरीबन महीनाभर गुजरने के बाद भी कार्यवाही नहीं होने से खफा रमसा कर्मचारियों ने अब अपने वृद्ध माता-पिता के साथ शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी के चुनाव क्षेत्र देवप्रयाग के कीर्तिनगर ब्लाक से आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है। इससे शिक्षा मंत्री सकते में हैं। संपर्क करने पर शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने कहा कि 628 रमसा कर्मचारियों की बहाली के लिए नई आउटसोर्स एजेंसी का जल्द गठन होगा। इसके लिए टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे। सरकारी एजेंसी के गठन में दिक्कत को देखते हुए नई एजेंसी का स्वरूप निजी रखा जा सकता है।


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