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माचोमैन के लिए इंडस्ट्री में सीमित भूमिकाएं

अनिल उपाध्याय, देहरादून मायानगरी में सिक्स पैक बॉडी की क्रेज बढ़ रहा है, लेकिन माचौ मैन इमेज में ब

By Edited By: Published: Sun, 30 Aug 2015 12:59 AM (IST)Updated: Sun, 30 Aug 2015 12:59 AM (IST)
माचोमैन के लिए इंडस्ट्री में सीमित भूमिकाएं

अनिल उपाध्याय, देहरादून

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मायानगरी में सिक्स पैक बॉडी की क्रेज बढ़ रहा है, लेकिन माचौ मैन इमेज में बंधे कलाकारों के लिए भूमिकाएं कम होती जाती हैं। वे केवल रोमांटिक या एक्शन फिल्मों के हीरो या विलेन बनने तक सिमट जाते हैं। वहीं आम आदमी जैसे शरीर के साथ हर तरह की भूमिकाएं करना संभव रहता है। हालांकि, फिटनेस जरूरी है, खासतौर से एक कलाकार के लिए यह पूंजी की तरह है। दैनिक जागरण के साथ खास बातचीत में नवाजुद्दीन अपनी निजी और व्यवसायिक जिंदगी के बारे में बेबाक बाते कीं।

भारतीय सिनेमा में छह फीट ऊंचे और सिक्स पैक वाले लोगों की मांग है। ये मांग निर्माता ने पैदा नहीं की, बल्कि आम जनता ने पैदा किया है। नवाजुद्दीन ने कहा कि जब उन्होंने मुंबई की ओर कदम बढ़ाए तो पड़ोसी भी कहते थे कि पहले अपनी शक्ल तो देख ले। यह भारतीय मानसिकता है कि हम पश्चिम की सुंदरता को सुंदरता मानते हैं, उनके ज्ञान को ज्ञान मानते हैं। लेकिन, ऐसा नहीं है। अपने पसंदीदा कलाकार के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि आज तक ओमपुरी से खूबसूरत व्यक्ति उन्होंने नहीं देखा। हजारों की भीड़ में भी युवा ओमपुरी का चेहरा सबसे आकर्षक लगता था, आज भी वैसा ही है। बीते एक-दो साल में समानांतर सिनेमा को लेकर युवाओं में क्रेज बढ़ा है। अब वे इसे भी मनोरंजन की तरह लेते हैं। इस पर नवाज से कहा कि मनोरंजन केवल रोमांस, एक्शन या कॉमेडी में निहित नहीं है। ये बात समझने में वक्त लगा। लेकिन, आज का युवा जागरूक है और उसे मुद्दों से लगाव है।

बिहार, उत्तर प्रदेश की भाषा को आम जीवन में बहुत इज्जत के साथ नहीं लिया जाता, वहीं फिल्मों ये हिट हैं। इस सवाल पर नवाज ने कहा कि हमारी जड़ें वे ही हैं, लेकिन दिखावे के जीवन में हम उनसे दूर हो जाते हैं। वहीं, जब वही भाषा फिल्म में सामने आते है तो उससे प्यार उमड़ जाता है। यही वजह है कि फिल्मों ये भाषा हिट है। सफलता के लिए युवा क्या करें, इस सवाल पर नवाज हसंते हैं और कहते हैं इसका जवाब आज तक वे खुद तलाश रहे हैं। उन्होंने कहा कि जीवन में दूसरा विकल्प नहीं होना चाहिए। मेरे साथ यही एक कारण था, जिससे सफलता मिली। उन्होंने कहा कि बिना जिद के जीत संभव नहीं।

सफलता में प्रशिक्षण की भूमिका पर कहा कि किसी भी क्षेत्र में सफलता के लिए प्रशिक्षण जरूरी है। अगर किसी संस्थान में नहीं तो कम से कम थियेटर के माध्यम से जरूर तैयारी करें। इस क्षेत्र में आने के लिए यह सबसे मुफीद रास्ता है। स्क्रीन पर और ऑफ स्क्रीन दिखने वाले नवाज में काफी अंतर पर उन्होंने कहा कि वे आम इन्सान हैं और वैसे ही रहते हैं। लेकिन, फिल्म में किरदार के हिसाब से तैयारी करनी पड़ती है। अंत में उन्होंने युवाओं से कहा कि सफलता के लिए सपने देखें और कोई विकल्प न चुनें। एक ही जिद पर आगे बढ़ें और जीतें।

रईस में कॉप की भूमिका में दिखेंगे नवाज

नवाज सलमान खान के साथ बजरंगी भाईजान और किक में सफलता के बाद अब शाहरुख खान की आने वाली फिल्म रईस में नजर आएंगे। नवाज ने बताया कि वे रईस में पुलिसकर्मी की भूमिका में हैं। लेकिन, यह भूमिका कहानी के किरदार से काफी अलग है। हालांकि, तकनीकी कारण से उन्होंने फिल्म के बारे में इससे ज्यादा बताने से इन्कार कर दिया।


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