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मेडिकल कालेजों में स्वास्थ्य महकमे का अड़ंगा

रविंद्र बड़थ्वाल, देहरादून आश्चर्यजनक, लेकिन सच है कि नए सरकारी मेडिकल कालेजों को अंजाम तक पहुंचाने

By Edited By: Published: Sun, 30 Aug 2015 12:59 AM (IST)Updated: Sun, 30 Aug 2015 12:59 AM (IST)
मेडिकल कालेजों में स्वास्थ्य महकमे का अड़ंगा

रविंद्र बड़थ्वाल, देहरादून

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आश्चर्यजनक, लेकिन सच है कि नए सरकारी मेडिकल कालेजों को अंजाम तक पहुंचाने की सरकार की मुहिम में स्वास्थ्य महकमा ही बड़ी बाधा बना हुआ है। महकमा अपनी परिसंपत्तियों को चिकित्सा शिक्षा को हस्तांतरित करने में रुचि नहीं ले रहा है। दून मेडिकल कालेज को मान्यता के लिए राज्य सरकार एक बार फिर एमसीआइ में आवेदन कर चुकी है, लेकिन दून अस्पताल को अभी तक मेडिकल कालेज को हस्तांतरित नहीं किया गया। अल्मोड़ा मेडिकल कालेज, जीएनएम और नर्सिग कालेज भी इसी समस्या से त्रस्त हैं। स्वास्थ्य महकमे के इस रुख को देखकर मुख्यमंत्री हरीश रावत को हस्तक्षेप करने को मजबूर होना पड़ा है।

सरकार अपनी महत्वाकांक्षी परियोजनाओं दून और अल्मोड़ा मेडिकल कालेजों को परवान चढ़ाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए है। इसके बावजूद इन परियोजनाओं में सरकार के ही अहम महकमे स्वास्थ्य ने अड़ंगा लगा रखा है। महकमा चिकित्सा शिक्षा के विस्तार के लिए उठ रहे कदमों के साथ कदमताल में रुचि लेता नहीं दिखता। यही वजह है कि चिकित्सा शिक्षा महकमे की ओर से तमाम रिमाइंडर भेजने के बावजूद दून और अल्मोड़ा मेडिकल कालेजों के लिए चिन्हित अस्पतालों को स्वास्थ्य महकमे ने हस्तांतरित नहीं किया। दरअसल, अस्पताल स्वास्थ्य महकमे के अधीन हैं। मेडिकल कालेजों को जल्द शुरू करने के लिए सरकार उक्त दोनों जिलों में पहले से ही चल रहे जिला अस्पतालों को कालेजों से ही संबद्ध करने का निर्णय ले चुकी है। अब इस निर्णय पर अमल नहीं होने से एमसीआइ से मान्यता मिलने में भी पेच फंस सकता है।

दून मेडिकल कालेज को मान्यता के प्रस्तावों को एमसीआइ दो बार खारिज कर चुका है। निर्माणाधीन कालेज को दून अस्पताल अभी तक हस्तांतरित नहीं किया जा सका है। हालांकि, उक्त कालेज के लिए एमसीआइ में दोबारा आवेदन किया जा चुका है। यह स्थिति दून और अल्मोड़ा मेडिकल कालेजों तक सीमित नहीं है। जीएनएम और नर्सिग कालेजों से संबद्ध चिकित्सालय और परिसंपत्तियों का हस्तांतरण चिकित्सा शिक्षा को अब तक नहीं हो सका है। दोनों महकमों के बीच गतिरोध तोड़ने के मुख्यमंत्री हरीश रावत को हस्तक्षेप करना पड़ा है। मुख्यमंत्री ने परिसंपत्तियों का हस्तांतरण चिकित्सा शिक्षा महकमे को करने के संबंध में प्रस्ताव मंत्रिमंडल को प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।


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