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इको सेंसिटिव जोन को कसरत तेज

राज्य ब्यूरो, देहरादून: केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के दिशानिर्देश पर राज्य सरकार ने उत्तराखंड

By Edited By: Published: Wed, 05 Aug 2015 01:20 AM (IST)Updated: Wed, 05 Aug 2015 01:20 AM (IST)
इको सेंसिटिव जोन को कसरत तेज

राज्य ब्यूरो, देहरादून: केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के दिशानिर्देश पर राज्य सरकार ने उत्तराखंड में नए इको सेंसिटिव जोन को लेकर कसरत तेज कर दी है। इस बार राज्य में स्थित छह राष्ट्रीय पार्क और आठ संरक्षित क्षेत्रों में इको सेंसिटिव जोन बनाए जाने हैं। राज्य सरकार की कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा आबाद इलाकों को इन नए प्रस्तावित इको सेंसिटिव जोन के दायरे से बाहर रखा जा सके। वन विभाग इनके प्रस्ताव लगभग तैयार कर चुका है, जिन्हें अगली कैबिनेट बैठक में मंजूरी दी जा सकती है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजे जाएंगे।

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प्रदेश में पहले से दो इको सेंसिटिव जोन मौजूद हैं। इनमें दूनघाटी इको सेंसिटिव जोन और भागीरथी इको सेंसिटिव जोन शामिल हैं। केंद्रीय वन पर्यावरण मंत्रालय पूर्व में उत्तराखंड में स्थित छह राष्ट्रीय पार्को व आठ संरक्षित क्षेत्रों के चारों ओर भी इको सेंसिटिव जोन बनाने का निर्णय कर चुका है, जिसके लिए केंद्र ने प्रदेश सरकार से प्रस्ताव मांगे थे। राज्य की ओर से केंद्र को पूर्व में जो प्रस्ताव भेजे गए थे, उन्हें केंद्र सरकार ने कई आपत्तियों के संग वापस लौटा दिया था।

केंद्र ने इन संरक्षित क्षेत्रों के बफर जोन के चारों ओर लगभग 10 किलोमीटर की परीधि में इको सेंसिटिव घोषित करने का मानक तय किया है। केंद्र का यह मानक ही प्रदेश सरकार के लिए चिंता का सबब बना हुआ है। ऐसे में इको सेंसिटिव जोन के नए प्रस्ताव तैयार करते वक्त राज्य सरकार ने ज्यादा से ज्यादा आबादी वाले इलाकों को इसके दायरे से बाहर रखने की कोशिश की है। ताकि बफर जोन से सटे करीब चार दर्जन गांवों को इको सेंसिटिव जोन का खामियाजा न भुगतना पड़े।

यह दीगर बात है कि राज्य सरकार को इन गांवों को इको सेंसिटिव जोन की सीमा से बाहर करने के लिए ठोस तर्क भी देने होंगे। सूत्रों के मुताबिक वन विभाग नए इको सेंसिटिव जोन के सभी प्रस्तावों का ड्राफ्ट लगभग तैयार कर चुका है। शासन स्तर पर इन ड्राफ्ट को अंतिम रूप देने की कसरत चल रही है। राज्य मंत्रिमंडल की आगामी बैठक में उक्त सभी प्रस्तावित ड्राफ्ट को मंजूरी के लिए पेश किए जाने की उम्मीद है। राज्य मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने के बाद ही नए प्रस्तावों को केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को भेजा जाएगा।

इनसेट..

यहां बनेंगे इको सेंसिटिव जोन..

राष्ट्रीय पार्क: कार्बेट नेशनल पार्क, नंदादेवी नेशनल पार्क, फूलों की घाटी, राजाजी नेशनल पार्क, गंगोत्री नेशनल पार्क, गोविंद विहार नेशनल पार्क।

संरक्षित क्षेत्र: गोविंद वन्यजीव विहार, केदारनाथ वन्यजीव विहार, अस्कोट वन्यजीव विहार, पूर्णानदी वन्यजीव विहार, बिनसर वन्यजीव विहार, नंधोर वन्यजीव विहार व विनोग वन्यजीव विहार।


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