कुत्तों के आतंक पर निगम में हंगामा
जागरण संवाददाता, देहरादून: आवारा कुत्तों के आतंक की शिकायत नगर निगम पहुंची तो निगम अधिकारियों की अंद
जागरण संवाददाता, देहरादून: आवारा कुत्तों के आतंक की शिकायत नगर निगम पहुंची तो निगम अधिकारियों की अंदरूनी गुटबाजी और कार्यशैली की पोल भी खुल गई। दरअसल, हाथीबड़कला क्षेत्र के लोग शिकायत लेकर मेयर विनोद चमोली के पास पहुंचे तो उन्होंने कार्रवाई के लिए अपर मुख्य नगर अधिकारी कुसुम चौहान के पास भेज दिया। कुसुम चौहान ने पशु चिकित्साधिकारी को तीन बार कॉल कर अपने कक्ष में बुलाया, लेकिन वह नहीं आए। इस पर लोगो का पारा चढ़ गया। किसी तरह समझाने पर वे शांत हुए, लेकिन मामले की शिकायत सीधे मुख्यमंत्री से करने की बात कही।
शहर में आवारा कुत्तों के आतंक से हर इलाके में लोग परेशान हैं, मगर नगर निगम को कोई परवाह नहीं। इसे लेकर बीती 30 जून को विधायक राजकुमार की अध्यक्षता में नगर निगम अधिकारियों की एक बैठक भी हुई थी। जिसमें अधिकारियों ने आश्वासन दिया था कि वे तीन दिन में ठोस कार्रवाई करेंगे, लेकिन किया कुछ नहीं। इससे गुस्साए हाथीबड़कला स्थित दून रेजीडेंट वेलफेयर फ्रंट व डालनवाला वेलफेयर सोसायटी के सदस्य मंगलवार को नगर निगम पहुंचे और मेयर विनोद चमोली से आवारा कुत्तों के आतंक की शिकायत की। बताया कि कुत्तों की वजह से इलाके में पैदल और दुपहिया पर चलना मुश्किल हो गया है। मेयर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अपर मुख्य नगर अधिकारी कुसुम चौहान को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया। फ्रंट के सदस्य अपर मुख्य नगर अधिकारी के कक्ष में पहुंचे। लोग वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी और पशु चिकित्साधिकारी को बुलाने की मांग कर रहे थे। कुसुम चौहान ने पशु चिकित्साधिकारी डॉ. विवेकानंद सती को तीन बार कॉल कर अपने कार्यालय में बुलाया, लेकिन वह नहीं आए। पशु चिकित्साधिकारी की हठधर्मिता लोगों को मालूम चली तो वे आग-बबूला हो गए। लोगों ने कहा कि वे आज पशु चिकित्साधिकारी को यहीं सबक सिखाकर जाएंगे। उनके साथ आए पार्षद सुशील गुप्ता, नंदिनी शर्मा व भूपेंद्र कठैत का भी पारा चढ़ गया। अपर मुख्य नगर अधिकारी ने किसी तरह स्थिति काबू की और उनका गुस्सा शांत कराया।