सड़क से हटे, जंगल में लगे भंडारे
संवाद सूत्र, यमकेश्वर: नीलकंठ कांवड़ यात्रा के दौरान राजाजी राष्ट्रीय पार्क क्षेत्र में भंडारे और दुक
संवाद सूत्र, यमकेश्वर: नीलकंठ कांवड़ यात्रा के दौरान राजाजी राष्ट्रीय पार्क क्षेत्र में भंडारे और दुकानें पार्क प्रशासन के लिए मुसीबत बन गए हैं। ठोस नीति नहीं होने के कारण एक तरफ वन विभाग भंडारे और दुकानों को हटा रहा है, तो दूसरी ओर लगातार जंगलों में भंडारे व दुकानों की संख्या में वृद्धि होती जा रही है।
राजाजी पार्क प्रशासन पिछले वर्ष से पार्क के कांवड़ मेला क्षेत्र में दुकानें आवंटित नहीं कर रहा है, यानी एक तरह से स्पष्ट है कि नीलकंठ कांवड़ मेला मार्ग पर भंडारे व दुकानों को बिल्कुल भी अनुमति नहीं दी जाएगी, मगर पार्क प्रशासन के खुद के ढुलमुल रवैये के कारण नियम प्रभावी ढंग से लागू नहीं हो पा रहा है। इस बार भी पार्क प्रशासन ने भंडारा संचालकों को कुछ शर्तो के साथ अनुमति दी थी, मगर जब मार्गो पर भंडारे लगे तो यह सभी नियम धरे के धरे रह गए।
यही नहीं पार्क प्रशासन पैदल मार्ग पर अस्थाई दुकानों को भी नहीं रोक पाया। हालांकि पार्क प्रशासन ने भंडारों व दुकानों को हटाने का भी प्रयास किया, लेकिन बावजूद इसके सड़क से हटने के बाद यह भंडारे और दुकानों जंगलों में लगाए जाने लगे। कुनाऊं मार्ग पर भी गौहरी रेंज की नाक के नीचे भी अस्थाई दुकानें सज गई हैं। जो यहां स्थानीय लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गई हैं।
भंडारों से फैल रही गंदगी
राजाजी पार्क की गौहरी रेंज में नीलकंठ कांवड़ यात्रा क्षेत्र में लगे भंडारे गंदगी फैलाने का काम कर रहे हैं। अवशिष्ठ निस्तारण की ठोस व्यवस्था नहीं होने के कारण भंडारों के आसपास भारी मात्रा में गंदगी फैल गई है। कांवड़ यात्रा के शुरुआती तीन दिनों में ही स्थिति इस कदर बिगड़ गई है कि यहां बदबू से लोग परेशान होने लगे हैं।
खूब हो रहा डीजे का शोर
कांवड़ यात्रा में ध्वनि विस्तारक यंत्रों के प्रयोग पर सख्त पाबंदी लगाई गई है। इसका काफी हद तक असर भी कांवड़ यात्रा पर देखने को मिल रहा है, मगर नीलकंठ पैदल मार्ग पर राजाजी पार्क की गौहरी रेंज में भंडारे संचालक जमकर ध्वनि विस्तारक यंत्र और जेनरेटर का उपयोग कर रहे हैं। यह क्षेत्र वन्य जीवों की सुरक्षा के लिहाजा से कोर जोन घोषित है। वन विभाग ही इस अव्यवस्था से मुंह फेर रहा है।
भंडारों को पानी, गांव में हाहाकार
नीलकंठ पैदल मार्ग पर जल संस्थान ने यहां लगे भंडरों को अस्थाई पानी के कनेक्शन दे दिए हैं। जिससे जौंक के किरमोला गांव में पेयजल संकट बढ़ गया है। यहां पैदल मार्ग पर करीब चार भंडारों में मुख्य पाइप लाइन से पानी के अस्थाई कनेक्शन दिए गए हैं। भंडारे संचालक इस लाइन पर भी मोटर लगाकार चौबीसों घंटे पानी का उपयोग कर रहे हैं। किरमोला गांव में पेयजल संकट बढ़ गया था। स्थानीय निवासी व कांग्रेस के ब्लाक अध्यक्ष देवेंद्र राणा ने जल संस्थान से गांव में जल्द से जल्द पेयजल आपूर्ति सुचारु करने की मांग की है।