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भाजपा के दांव से बैकफुट पर कांग्रेस

राज्य ब्यूरो, देहरादून सैन्य बहुल राज्य होने के बावजूद राज्य गठन के बाद से ही शहीदों की शहादत को न

By Edited By: Published: Mon, 03 Aug 2015 01:29 AM (IST)Updated: Mon, 03 Aug 2015 01:29 AM (IST)
भाजपा के दांव से बैकफुट पर कांग्रेस

राज्य ब्यूरो, देहरादून

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सैन्य बहुल राज्य होने के बावजूद राज्य गठन के बाद से ही शहीदों की शहादत को नमन करने के लिए प्रदेशवासी एक अदद स्मारक को तरसते रहे। राज्य में चाहे कांग्रेस की सरकार रही हो या फिर भाजपा की, सैनिक वोट बैंक पर सबकी नजर रही लेकिन शहीदों की शहादत की निशानी बनाने के लिए कोई अदद जमीन नहीं तलाश कर पाया। हालांकि, भाजपा ने ऐन वक्त पर केंद्र से शौर्य स्थल बनाने के लिए भूमि उपलब्ध कराकर प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस को बैकफुट पर ला खड़ा किया है। भाजपा इसका श्रेय लेने का हरसंभव प्रयास कर रही है। यही कारण भी है कि इसके शिलान्यास को केंद्रीय रक्षा मंत्री को आमंत्रित किया गया है। वहीं, प्रदेश सरकार इसे सरकार की भूमि खरीदने की घोषणा के बाद उठाया कदम बता रही है।

राज्य गठन के बाद से ही प्रदेश में वीर सैनिकों की शहादत की याद दिलाने के लिए एक राज्य स्तरीय युद्ध स्मारक बनाने की मांग की जा रही है। इसके लिए सेना से जमीन भी मांगी गई लेकिन सेना ने चिह्नित भूमि को ए वन श्रेणी का बताते हुए इसे देने से इन्कार कर दिया। वर्ष 2010 में तत्कालीन भाजपा सरकार ने राज्य स्तरीय वार मेमोरियल के निर्माण के लिए एक करोड़ की धनराशि देने की घोषणा की। इसके लिए सेना से जमीन मांगी गई, भूमि भी चिह्नित हुई लेकिन विभिन्न कारणों से योजना मूर्त रूप नहीं ले पाई। गत वर्ष सूबे की कांग्रेस सरकार ने भूमि चयन के लिए ले.ज. टीपीएस रावत (सेनि) की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई, लेकिन सुझाए गए स्थल कुछ कारणों से खारिज कर दिए गए। सैनिकों के सम्मान से जुड़ा यह मसला जिंदा तो रहा लेकिन इसे धरातल पर उतारने की बजाय इसमें आरोप प्रत्यारोप की राजनीति ज्यादा चलती रही।

कुछ दिन पहले कारगिल दिवस के अवसर पर भी यह मामला उठा। इस पर सरकार ने जिलाधिकारी देहरादून को भूमि उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। इस बीच सांसद तरुण विजय के प्रयासों से देहरादून में चीड़बाग में शहीद स्मारक के लिए जमीन उपलब्ध हो गई और इसका नाम शौर्य स्थल रखा गया। हालांकि, सांसद तरुण विजय का कहना है कि यह मसला राजनीति से कतई भी प्रेरित नहीं है। इसे सभी के सहयोग से बनाया जाएगा। वे इस मसले पर मुख्यमंत्री का आर्शीवाद भी चाहते हैं। इस संबंध में वे जल्द ही उनसे मुलाकात करेंगे।

वहीं मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि सरकार शहीद स्मारक के निर्माण के लिए भूमि क्रय को भी तैयार थी। इसके लिए जिलाधिकारी को निर्देशित कर दिया गया था। इस बीच भाजपा ने केंद्र से यह करा लिया है, तो अच्छी बात है। रक्षा मंत्री का स्वागत किया जाएगा। इस दौरान उनसे वन रैंक वन पेंशन के अलावा अ‌र्द्ध सैनिकों के लिए भी घोषणा करने का अनुरोध किया जाएगा।


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