यूपी के विकल्पधारी शिक्षकों ने फिर की वापसी की मांग
जागरण संवाददाता, देहरादून: चिकित्सा, दांपत्य, विशेष आवंटन और उच्च संदर्भ के आधार पर दुर्गम में डटे श
जागरण संवाददाता, देहरादून: चिकित्सा, दांपत्य, विशेष आवंटन और उच्च संदर्भ के आधार पर दुर्गम में डटे शिक्षकों को उत्तर प्रदेश भेज दिया गया, वहीं दर्जनों बार नियमों और शासनादेशों के अनुसार उत्तर प्रदेश का विकल्प भरने वाले डेढ़ हजार से ज्यादा शिक्षक 15 साल से एड़ियां रगड़ रहे हैं। रविवार को राजकीय इंटर कॉलेज अजबपुर में बैठक कर शिक्षकों ने एक बार फिर ंवापसी की मांग की है।
शिक्षकों की मांग पर युवा कल्याण परिषद के उपाध्यक्ष सुशील राठी और कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने भी शिक्षकों का समर्थन किया। बैठक में शिक्षकों ने कहा कि चिकित्सा व दांपत्य तो सही है, लेकिन विशेष आवंटन और उच्च संदर्भ जैसे कारण, जो सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी में वर्णित हैं, उनका मतलब विभाग नहीं समझा पा रहा। शिक्षकों ने कहा कि उच्च संदर्भ और विशेष आवंटन वाली श्रेणी में वे लोग शामिल हैं, जिनके पास उच्चस्तरीय सिफारिश थी और सेटिंग के आधार पर उन्हें उत्तर प्रदेश के लिए मुक्त कर दिया गया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड गठन से लेकर अब तक शासन द्वारा तमाम बार मांगे गए विकल्पों को वे भर चुके हैं, लेकिन उनके आवेदन अब तक फाइलों में ही दम तोड़ रहे हैं। शिक्षकों ने आरोप लगाया कि कई बार उनके आवेदन इस आधार पर रद्द कर दिए गए कि वे पर्वतीय संवर्ग के हैं। सवाल यह है कि यह संवर्ग उत्तर प्रदेश राज्य का था, राज्य अलग होने के बाद संवर्ग स्वत: ही समाप्त हो गया। दूसरा, जो शिक्षक मुक्त किए गए हैं, वे भी इसी संवर्ग के थे, तो उन्हें किस आधार पर भेजा गया। इस मौके पर सूर्यकांत धस्माना ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक आरके कुंवर से फोन पर वार्ता कर विकल्पधारियों की सूची सरकार को मुहैया कराने को कहा। उत्तर प्रदेश विकल्पधारी संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष भीम सिंह ने उत्तराखंड सरकार से मांग की कि उन्हें नियमों के तहत उत्तर प्रदेश के लिए कार्यमुक्त किया जाए, ताकि वे अपने परिवारों के साथ रह सकें। बैठक में रविंद्र राणा, सुभाष झल्ड़ियाल, रमेशचंद्र चौहान, संजीव बालियान, केपी यादव, अनिल सिंह यादव आदि मौजूद थे।