एसिड अटैक पीड़ितों को देनी होगी मुफ्त चिकित्सा
राज्य ब्यूरो, देहरादून: प्रदेश में अब एसिड अटैक पीड़ितों को अब निजी अस्पताल मना नहीं कर पाएंगे। राज्य
राज्य ब्यूरो, देहरादून: प्रदेश में अब एसिड अटैक पीड़ितों को अब निजी अस्पताल मना नहीं कर पाएंगे। राज्य सरकार ने केंद्र के निर्देशों के क्रम में सभी निजी अस्पतालों को एसिड अटैक पीड़ितों का मुफ्त इलाज करने को कहा है। अस्पतालों को यह भी कहा गया है कि जरुरत पड़ने पर इन्हें प्रमाण-पत्र भी जारी किए जाएं ताकि पीडि़त विशेष चिकित्सा के लिए इन्हें इस्तेमाल कर सकें। इसके अलावा सरकार ने एसिड पीड़ितों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता डेढ़ लाख से बढ़ाकर तीन लाख रुपये भी कर दी है।
देश में लगातार एसिड अटैक की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए केंद्र ने पीडि़तों के इलाज पर विशेष ध्यान दिया है। इसके अलावा इनको दिए जाने वाली मुआवजे की राशि को भी बढ़ाया गया है। दरअसल, इस मसले पर पीडि़तों की ओर से उच्चतम न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई थी। इस याचिका की सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने केंद्र को पीड़ितों के इलाज और उनकी सहायता के लिए निर्देश जारी किए थे।
इसके बाद केंद्र सरकार की ओर से सभी प्रदेशों को इस बाबत निर्देश जारी किए गए। इस क्रम में उत्तराखंड शासन ने भी सभी निजी अस्पतालों को यह आदेश जारी किए हैं। अस्पतालों को कहा गया है कि वे एसिड अटैक पीड़ितों का निशुल्क इलाज करने के साथ ही उन्हें बिस्तर व भोजन भी उपलब्ध कराएंगे। इसके अलावा वे इन्हें प्रमाण-पत्र भी जारी करेंगे।
गौरतलब है कि प्रदेश में एसिड अटैक पीड़ितों को दिए जाने वाली सहायता राशि भी बढ़ाई जा चुकी है। पहले इन्हें 1.80 लाख मिलते थे अब यह बढ़ाकर तीन लाख कर दिए गए हैं। हालांकि, उत्तराखंड में बीते दो वर्षो में एसिड अटैक के कुल तीन मामले सामने आए हैं। पुलिस मुख्यालय में एसिड अटैक पीडि़तों के मामले देख रही एसपी ममता बोहरा ने बताया कि भविष्य में पीड़ितों को नए आदेश के मुताबिक ही राशि मुहैया कराई जाएगी।