निगम के सेवानिवृत कर्मचारियों की झोली खाली
विकास गुसाई, देहरादून एक कर्मचारी अपने पूरे सेवा काल में विभाग की जी तोड़ सेवा करता है। रिटायरमेंट
विकास गुसाई, देहरादून
एक कर्मचारी अपने पूरे सेवा काल में विभाग की जी तोड़ सेवा करता है। रिटायरमेंट के नजदीक आते ही उसे यह उम्मीद रहती है कि घर जाते हुए उसकी जिंदगी की कमाई हुई पूरी पूंजी उसके पास रहेगी, जो उसके सुख-दुख में काम आएगी। मगर परिवहन निगम के कर्मचारियों की यह आस अभी तक पूरी होती नजर नहीं आ रही है। आलम यह कि निगम अभी तक केवल वर्ष 2010 तक सेवानिवृत हुए कर्मचारियों का ही पूरा भुगतान कर पाया है। इसके बाद सेवानिवृत हुए कर्मचारी अपनी जीवन भर में एकत्र किए गए पैसों के लिए अभी तक निगम का मुंह तक रहे हैं।
परिवहन निगम में आर्थिक संकट गहराता ही जा रहा है। निगम के हाल ये हैं कि यहां से सेवानिवृत होने वाले कर्मियों को अभी तक उनके हक का पूरा पैसा नहीं मिल पाया है। हालात इस बात से समझे जा सकते हैं कि अभी तक केवल वर्ष 2010 में रिटायर हुए कर्मियों का ही पूरा भुगतान हो पाया है। इसके बाद रिटायर हुए कर्मचारी अभी भी अपने जीवन भर की कमाई के लिए रोडवेज का मुंह ताक रहे हैं। दरअसल, राज्य गठन के बाद से ही परिवहन निगम की आर्थिकी लगातार बिगड़ती ही जा रही है। राज्य गठन के बाद कई मंत्रियों ने परिवहन मंत्रालय संभाला लेकिन रोडवेज को उबारने के लिए किसी ने सार्थक पहल नहीं की। यही कारण रहा कि निगम रसातल में जाता रहा। इसका नुकसान सीधे इसके कर्मचारियों को उठाना पड़ रहा है। हालांकि मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा विभाग का दायित्व संभालने के बाद निगम को पटरी पर लाने का प्रयास चल रहा है। बावजूद इसके वर्तमान में स्थिति यह है कि रोडवेज कर्मचारियों की सेवानिवृत होने पर केवल कुछ भाग का ही भुगतान कर रहा है। शेष भाग बाद में दिए जाने का आश्वासन दिया जा रहा है। वर्तमान में 250 से अधिक ऐसे कर्मचारी हैं जिन्हें निगम पूरा भुगतान नहीं हो पाया है। इनमें से कई का स्वास्थ्य ठीक नहीं है लेकिन पैसों के अभाव में ये इलाज नहीं करा पा रहे हैं। इससे इन लोगों की निगम के प्रति नाराजगी भी बढ़ती जा रही है। सेवानिवृत कर्मचारी शेष भुगतान के लिए लगातार निगम मुख्यालय चक्कर काट रहे हैं लेकिन अधिकारी कमजोर आर्थिकी का हवाला देते हुए जल्द भुगतान का आश्वासन दे रहे हैं।
परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक बीके संत भी इस बात को मानते हैं कि सेवानिवृत कर्मचारियों का पूरा भुगतान नहीं हो पा रहा है। उनका कहना है कि निगम अपने आय के संसाधन बढ़ा रहा है, कोशिश यह है कि जल्द से जल्द इन कर्मचारियों का शेष भुगतान कर दिया जाए।