स्टिंग मामले में लीपापोती का आरोप
राज्य ब्यूरो, देहरादून: भारतीय जनता पार्टी ने राज्य सरकार पर आपदा राहत घोटाले के बाद अब स्टिंग ऑपरेश
राज्य ब्यूरो, देहरादून: भारतीय जनता पार्टी ने राज्य सरकार पर आपदा राहत घोटाले के बाद अब स्टिंग ऑपरेशन के प्रकरण में भी लीपापोती करने का आरोप लगाया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष तीरथ सिंह रावत ने कहा कि स्टिंग में फंसे आइएएस अफसर को बर्खास्त करने की बजाय उसे बचाया जा रहा है। वहीं नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट ने मुख्यमंत्री से इस पूरे प्रकरण की सीबीआइ से जांच कराने की मांग उठाई।
प्रेस को जारी बयान में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष तीरथ सिंह रावत ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार के खिलाफ नया कानून बनाने की बात कहकर जनता को गुमराह कर रहे हैं, जबकि यह कानून पूर्व से ही राज्य में लागू है। कांग्रेस सरकार ने भ्रष्टाचार की राह खोलने के लिए भाजपा शासनकाल में बने ऐसे भ्रष्टाचार निरोधी कानूनों को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना चाहती है, तो उसे पिछली भाजपा सरकार के समय बने लोकपाल कानून, लोकायुक्त कानून, सिटीजन चार्टन एक्ट को लागू करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के सचिव के स्टिंग ऑपरेशन में फंसने के बाद तत्काल उक्त अफसर को बर्खास्त किया जाना चाहिए, मगर सरकार उसे बचाने का काम कर रही है। प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराने क बजाय लीपापोती में जुट गई है। उधर, नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट ने आरोप लगाया कि स्टिंग मामले में मुख्यमंत्री कार्यालय ही कठघरे में आया है। सरकार व मुख्यमंत्री यदि वास्तव में पाक साफ हैं, तो प्रकरण की सीबीआइ से जांच कराने से क्यों बच रही।
उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अपनी सरकार की कमियां छिपाने के लिए बार-बार केंद्र से धन की कमी का रोना रो रहे हैं, जबकि आपदा घोटाले से लेकर भूमि व शराब घोटाले की हकीकत जनता से छिपी नहीं है। भाजपा लंबे समय से मुख्यमंत्री की हवा-हवाई घोषणाओं पर भी सवाल उठाती रही, मगर आज सरकार के ही एक कैबिनेट मंत्री ने इसकी पुष्टि कर दी।