विश्व छात्र दिवस के रूप में मने कलाम की पुण्यतिथि
जागरण संवाददाता, देहरादून: राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भारत रत्न पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्
जागरण संवाददाता, देहरादून: राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भारत रत्न पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्य तिथि 27 जुलाई को 'विश्व छात्र दिवस' के रूप में मनाने पर जोर दिया है। उधर, विभिन्न संगठनों की अलग-अलग बैठकों में डॉ. कलाम के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
बाल अधिकार संरक्षण आयोग कार्यालय में हुई बैठक में काका कलाम के योगदान को याद किया गया। आयोग की उपाध्यक्ष विजय लक्ष्मी गुसाई ने कहा कि डॉ.कलाम ने अपने व्यक्तित्व एवं कृतित्व से विश्व में भारत का गौरव बढ़ाया। उन्होंने बताया कि 2006 में 'निर्मल ग्राम पुरस्कार' वितरण कार्यक्रम के दौरान उन्हें भी पूर्व राष्ट्रपति डॉ. कलाम के साथ चर्चा का अवसर मिला। उन्होंने भारत सरकार से मांग की कि 27 जुलाई को विश्व छात्र दिवस के रूप में मनाया जाए।
भारत नव निर्माण सेना की ओर से दीनदयाल पार्क में आयोजित सभा में पूर्व राष्ट्रपति को याद किया गया। इस मौके पर गुरदासपुर के आतंकी हमले में शहीद पुलिस कर्मियों और अन्य लोगों को भी श्रद्धांजलि दी गई। इस मौके पर बबीता सहोत्रा, नागेंद्र सिंह कुंवर, रईसा खान, गुलफाम, लक्ष्मी गुसाई, मनोज मलिक, राजेश बडोनी, गौतम पांडे, शैलेंद्र जगूड़ी आदि मौजूद थे।
भाजपा शिक्षा प्रकोष्ठ परवादून की बैठक में डॉ.कलाम के निधन को देश की अपूरणीय क्षति करार दिया गया। बैठक में नीरज सिंघल, रतन सिंह चौहान, सविता चौहान, गजेंद्र चौहान, बबीता वर्मा आदि उपस्थित थे। उत्तराखंड कौशल्या संघर्ष वाहिनी की शहीद स्थल में हुई बैठक में पूर्व राष्ट्रपति को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी गई। श्रद्धासुमन अर्पित करने वालों में सुशीला ध्यानी, लक्ष्मी नेगी, ज्ञान देवी, विशेश्वरी पंत, शोभा गैरोला, लक्ष्मी बिष्ट, सुलोचना गुसाई आदि शामिल थे।