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प्रतिबंधित इंजेक्शन की खेप के साथ दो गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश: प्रतिबंधित इंजेक्शन की बड़ी खेप के साथ पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया

By Edited By: Published: Tue, 28 Jul 2015 08:14 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jul 2015 08:14 PM (IST)
प्रतिबंधित इंजेक्शन की खेप के साथ दो गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश:

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प्रतिबंधित इंजेक्शन की बड़ी खेप के साथ पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि ड्रग्स के रूप में इस्तेमाल होने वाले इस इंजेक्शन को ऋषिकेश क्षेत्र में विदेशी पर्यटकों को मंहगे दामों पर बेचे जाते थे।

बुधवार को मुखबिर की सूचना पर ड्रग्स इंस्पेक्टर टिहरी चंद्रप्रकाश नेगी के साथ मुनिकीरेती पुलिस ने भद्रकाली के समीप तलाशी अभियान चलाया। स्कूटी (यूके14- 3952) पर सवार दो लोगों की पुलिस ने इस दौरान तलाशी ली तो उनके पास भारी मात्रा में प्रतिबंधित कैटामाईन इंजेक्शन बरामद किए गए। पूछताछ में आरोपियों ने अपने नाम राजीव अरोड़ा पुत्र कस्तूरी लाल अरोड़ा निवासी गंगा नगर ऋषिकेश तथा नरेश पालीवाल पुत्र बस्तीराम पालीवाल निवासी ग्राम बैसोंली जाखणीधार अंजनीसैंण टिहरी गढ़वाल बताया है। मौके पर राजीव अरोड़ा के पास 290 शीशी तथा नरेश के पास से 190 शीशी कैटामाइन इंजेक्शन बरामद हुए। बरामद कैटामाइन इंजेक्शन की बाजार कीमत करीब तीन लाख रूपये हैं। दोनों के पास प्रतिबंधित ड्रग्स को रखने के वैध लाइसेंस और बिल भी नहीं थे। पुलिस के मुताबिक राजीव अरोड़ा ऋषिकेश में मेडिकल स्टोर संचालित करता है मगर, उक्त ड्रग्स को रखने और बेचने का उनके पास भी वैध लाइसेंस नहीं है। आरोप है कि उक्त लोग विदेशी नागरिकों को यह ड्रग्स मंहगे दामों पर बेचते थे। इस मामले में पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ औषधि एवं सौंदर्य प्रसाधन अधिनियम 1940 व धोखाधड़ी के आरोप में मुकदमा दर्ज कर दिया है। थाना प्रभारी निरीक्षक एएस रावत ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी विदेशी पर्यटकों को नशे की खेफ मुहैया करवाई जाती है, इसके बाद पुलिस पूरी तरह से सतर्क हो गई थी। पुलिस टीम में उप निरीक्षक मनोज नेगी, विवेक भट्ट, अजय भंडारी व शांति प्रकाश आदि शामिल थे। वहीं पुलिस की इस कामयाबी पर पुलिस अधीक्षक टिहरी एम मोहसीन ने पुलिस टीम को ढाई हजार रुपए नकद पुरस्कार प्रदान किया है।

बेहोशी के लिए इस्तेमाल होता है कैटामाईन

प्रतिबंधित इंजेक्शन कैटामाइन अस्पतालों में बेहोशी की दवा के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इस दवा की खुरदा बिक्री पर प्रतिबंध है। इसे सिर्फ अस्पतालों में ही प्रयोग में लाया जा सकता है। इंजेक्शन के रेपर ही पर ही यह सभी निर्देश स्पष्ट अंकित हैं। पुलिस की माने तो विदेशी पर्यटक इस ड्रग का अधिक इस्तेमाल करते हैं। आसानी से उपलब्ध न होने के कारण उक्त लोग मंहगे दामों पर यह ड्रग विदेशियों को उपलब्ध कराते हैं। ऋषिकेश व आसपास के क्षेत्र में इसके खरीददार भी आसानी से मिल जाते हैं। पुलिस ने बताया कि मंगलवार को आरोपी किसी विदेशी को ही इसकी डिलीवरी देने जा रहे थे।

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आगरा से होती है खरीद

थाना प्रभारी निरीक्षक एएस रावत ने बताया कि गिरफ्त में आए दोनों आरोपी आगरा के किसी सौरव जैन नामक व्यक्ति से यह ड्रग खरीदते थे और ऋषिकेश व आसपास क्षेत्र में बेचते थे।


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