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विज्ञान को पर्यावरण का मित्र मानते थे कलाम

जागरण संवाददाता, देहरादून: वयोवृद्ध पर्यावरणविद् पद्मविभूषण सुंदरलाल बहुगुणा दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति

By Edited By: Published: Tue, 28 Jul 2015 01:05 AM (IST)Updated: Tue, 28 Jul 2015 05:30 AM (IST)
विज्ञान को पर्यावरण का मित्र मानते थे कलाम

जागरण संवाददाता, देहरादून: वयोवृद्ध पर्यावरणविद् पद्मविभूषण सुंदरलाल बहुगुणा दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम के साथ हुई उनकी मुलाकात को अविस्मरणीय बताते हैं। उनका कहना है कि वह जितने ज्ञानी थे, उतने ही मधुर स्वभाव भी थे। वह बताते हैं कि अब्दुल कलाम विज्ञान को पर्यावरण का मित्र मानते थे। उनका कहना थ कि विज्ञान जितना आगे बढ़ेगा, उसे पर्यावरण की उतनी ही रक्षा करने वाला होना चाहिए।

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बहुगुणा कहते हैं कि इस अवस्था में बहुत सी बातें याद नहीं, लेकिन अब्दुल कलाम से उनकी मुलाकात इतनी असाधारण थी कि उनके कई शब्द आज भी कानों में गूंजते हैं। उनके साथ किया भोजन और उनकी मृदुभाषिता गजब की थी। वह भले ही विज्ञान को पर्यावरण का मित्र मानते थे, लेकिन विकास व विनाश के बीच सामंजस्य को लेकर वह चितिंत रहते थे। उनका साप कहना था कि पर्यावरण की कीमत पर किसी भी विकास के कोई मायने नहीं। श्री बहुगुणा कलाम के चले जाने को एक युग का अंत मानते हैं। उनका मानना है कि कलाम जैसा व्यक्तित्व आसानी से पैदा नहीं होता। वह देश की धरोहर समान थे, उनके संदेश समाज को राह दिखाते रहेंगे।


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