उच्च शिक्षा शिविर कार्यालय पर सरकार ने गिराइ्र गाज
राज्य ब्यूरो, देहरादून उच्च शिक्षा निदेशालय के स्तर पर गंभीर खामियां उजागर होने के बाद सरकार हरकत
राज्य ब्यूरो, देहरादून
उच्च शिक्षा निदेशालय के स्तर पर गंभीर खामियां उजागर होने के बाद सरकार हरकत में आई है। सरकार ने तत्काल प्रभाव से निदेशालय के दून शिविर कार्यालय को खत्म कर दिया। इस कार्यालय को निदेशालय में ही समायोजित किया गया है। वहां कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों को मूल पद पर वापस करने अथवा निदेशालय में ही समायोजित करने के निर्देश दिए गए हैं।
उच्च शिक्षा निदेशालय, हल्द्वानी के स्तर पर विभिन्न स्तरों पर गंभीर लापरवाही सामने आने से सरकार सकते में है। 'दैनिक जागरण' ने 03 जुलाई, 2015 और 18 जून, 2015 के अंकों में इस अनियमितता का खुलासा किया था। निदेशालय स्तर पर इस लापरवाही की पहली गाज दून स्थित शिविर कार्यालय पर पड़ी है। सरकार ने शुक्रवार को यह कार्यालय बंद कर दिया। इस बाबत उच्च शिक्षा प्रमुख सचिव एस रामास्वामी ने आदेश जारी किए। उन्होंने शिविर कार्यालय को निदेशालय में ही समायोजित करने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में निदेशालय की ओर से शासन को प्रस्ताव भेजा गया था। निदेशालय की ओर से शिविर कार्यालय पर हो रहे भारी-भरकम खर्च को गैर जरूरी बताया गया था। गौरतलब है कि हाईकोर्ट में भी इस मामले पर याचिका दायर की गई थी। हाईकोर्ट ने भी शिविर कार्यालय के औचित्य पर सवाल खड़े किए थे। यह माना गया कि शिविर कार्यालय के बावजूद निदेशालय के कामकाज में सुधार नहीं हो पाया है। इस बाबत शासन के प्रस्ताव को उच्च शिक्षा मंत्री डा इंदिरा हृदयेश ने हरी झंडी दिखाई। उच्चानुमोदन मिलते हुए उच्च शिक्षा प्रमुख सचिव ने इस बाबत आदेश जारी कर दिए। शिविर कार्यालय के नियमित पदों को निदेशालय में समायोजित किया जाएगा। निदेशालय से संबद्ध कार्मिकों को मूल पदों पर लौटने के निर्देश दिए गए हैं। सरकार के इस फैसले से उच्च शिक्षा महकमे में हड़कंप है।