ढैंचा बीज मामले में न्याय की सलाह से बढ़ेंगे आगे
राज्य ब्यूरो, देहरादून कृषि मंत्री डा हरक सिंह रावत ने कहा कि ढैंचा बीज आपूर्ति घोटाले में सरकार क
राज्य ब्यूरो, देहरादून
कृषि मंत्री डा हरक सिंह रावत ने कहा कि ढैंचा बीज आपूर्ति घोटाले में सरकार को वित्तीय नुकसान नहीं हुआ, लेकिन अनियमितता की पुष्टि त्रिपाठी आयोग ने अपनी जांच रिपोर्ट में की है। राज्य मंत्रिमंडल ने सर्वसम्मति से तय किया है कि आयोग की रिपोर्ट पर न्याय का परामर्श लेने के बाद इस मामले में आगे कार्रवाई की जाएगी। दोषियों में भले ही तत्कालीन मंत्री हो, किसी को बख्शा नहीं जाएगा।
पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में ढैंचा बीज आपूर्ति घोटाले में वित्तीय अनियमितता से कृषि मंत्री हरक सिंह रावत के इन्कार के बाद भाजपा मुखर है। इससे काबीना मंत्री डा रावत ने अपने पिछले बयान पर सफाई पेश की। शुक्रवार को विधानसभा स्थित सभाकक्ष में पत्रकारों से मुखातिब कृषि मंत्री डा रावत ने ढैंचा बीज घोटाले में वित्तीय नुकसान नहीं होने देना का श्रेय कांग्रेस को दिया। उन्होंने कहा कि तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष के नाते उन्होंने इस मुद्दे को जोरशोर से उठाया और पिछली भाजपा सरकार को इस मामले में जांच के लिए बाध्य होना पड़ा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सक्रियता से घोटाले में सरकार को वित्तीय नुकसान तो नहीं हुआ, लेकिन अनियमितता की तस्वीर सामने आ गई। उन्होंने कहा कि ढैंचा बीज आपूर्तिकर्ता कंपनी ने 13184.50 कुंतल बीज की आपूर्ति का दावा करते हुए भुगतान पाने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने कहा कि त्रिपाठी आयोग की जांच में यह सामने आया कि कुल पांच करोड़ 25 लाख 93 लाख मूल्य के 13184.50 कुंतल बीज में से 3518 कुंतल बीज की ही आपूर्ति हो पाई। प्राप्त बीज के मूल्य 1.42 करोड़ का भुगतान किया गया। आपूर्तिकर्ता कंपनी ने जितना बीज मुहैया कराया, उतना ही भुगतान उसे हुआ। उन्होंने कहा कि जांच में आपूर्ति के लिए ट्रकों के इस्तेमाल में फर्जीवाड़ा सामने आया है। कंपनी की ओर से दी गई ट्रकों की सूची का सत्यापन नहीं हो सका।
उन्होंने कहा कि त्रिपाठी आयोग की जांच रिपोर्ट पर राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में चर्चा हुई। सर्वसम्मति से यह तय किया गया कि ढैंचा बीज घोटाले में न्याय महकमे का परामर्श लिया जाएगा। इसके आधार पर सरकार आगे कदम बढ़ाएगी। उन्होंने कहा कि दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।