मेडिकल दाखिला फर्जीवाड़ा: एसपी देहात समेत पूरी एसओजी नपी
मेडिकल कॉलेज में दाखिले को लेकर फर्जीवाड़े के आरोपियों की छोड़ने के मामले में शासन ने कड़ा रुख अपनाते हुए एसपी देहात को हटा दिया। इस मामले में एसओजी इंचार्ज व नेहरू कालोनी थाने के कांस्टेबल को निलंबित कर दिया। साथ ही पूरी एसओजी का तबादला जिले से बाहर कर
देहरादून। मेडिकल कॉलेज में दाखिले को लेकर फर्जीवाड़े के आरोपियों की छोड़ने के मामले में शासन ने कड़ा रुख अपनाते हुए एसपी देहात को हटा दिया। इस मामले में एसओजी इंचार्ज व नेहरू कालोनी थाने के कांस्टेबल को निलंबित कर दिया। साथ ही पूरी एसओजी का तबादला जिले से बाहर कर दिया गया है।
गौरतलब है कि 28 अप्रैल को मेडिकल कॉलेज में दाखिला को लेकर ठगी करने के चार आरोपियों को एसओसी ने गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार किए गए लोगों में दो दिल्ली व दो देहरादून निवासी थे। उस समय एसओजी पर आरोप लगे कि उसने इस गिरोह के दो सरगनाओं को पैसे लेकर छोड़ दिया। साथ ही गिरफ्तार किए गए लोगों को गुपचुप तरीके से कोर्ट में पेश कर दिया। इसकी जानकारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक व एसपी सिटी तक को नहीं दी।
इन आरोपों को लेकर एसएसपी पुष्पक जोशी ने एक उप निरीक्षक को जांच सौंपी। तभी यह मामला संज्ञान में आने पर पुलिस मुख्यालय ने वरिष्ठ आइपीएस डॉ. सदानंद दाते को पूरे प्रकरण की जांच सौंपी। करीब 22 दिन चली जांच में मामला सही पाया गया। जांच में यह मामला भी सामने आया कि जिस दिन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया उस दिन एसएसपी व एसपी सिटी दोनों ही जिले में नहीं थे। उनका कार्य एसपी देहात मणिकांत मिश्रा देख रहे थे। ऐसे में आरा आपरेशन उनकी देखरेख में चलने पर उन्हें भी दोषी माना गया।
इस मामले में एसओजी इंचार्ज रविंदर सिंह और नेहरू कॉलोनी थाने का कांस्टेबल सुगम पाल निलंबित कर दिया गया। साथ ही पूरी एसओजी को बदल दिया गया। एसओजी में शामिल सभी लोगों का जिले के बहार किया तबादला कर दिया गया। एसपी देहात मणिकांत मिश्रा को शासन ने पुलिस हेडक्वाटर्र से अटैच कर दिया।
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