टेस्ट ट्यूब बेबी के नाम पर लाखों ठगे
जागरण संवाददाता, देहरादून: दून में टेस्ट ट्यूब बेबी के नाम पर ठगी करने का मामला सामने आया है। एक युव
जागरण संवाददाता, देहरादून: दून में टेस्ट ट्यूब बेबी के नाम पर ठगी करने का मामला सामने आया है। एक युवक का आरोप है कि डॉक्टर ने उनकी पत्नी को टेस्ट ट्यूब बेबी पद्धति के माध्यम से संतानोत्पत्ति का झांसा देकर उनसे चार लाख रुपये वसूल लिए। दूसरी बार भी रिपोर्ट निगेटिव आई तो उन्होंने डॉक्टर से शिकायत की। जिस पर डॉक्टर ने उन्हें धमकी देकर क्लीनिक से भगा दिया।
शिमला बाइपास स्थित वन विहार कॉलोनी निवासी विजय जोशी ने जिलाधिकारी से शिकायत करते हुए बताया कि उनकी पत्नी एक डॉक्टर के यहां स्वास्थ्य संबंधी परामर्श के लिए गई थी। जहां डॉक्टर ने मां बनने के लिए टेस्ट ट्यूब बेबी (आइवीएफ) पद्धति अपनाने को कहा। उन्होंने ढाई लाख रुपये खर्च कर हिस्ट्रोस्कोपी का आपरेशन कराने के बाद आइवीएफ कराया। इसके 30 दिन बाद प्रेग्नेंसी परीक्षण कराया तो रिपोर्ट निगेटिव आई। इसके बाद डॉक्टर ने 10 हजार रुपये के टेस्ट कराए और फिर आइवीएफ कराने को कहा। जिसमें सवा लाख रुपये का खर्च आया, लेकिन प्रेग्नेंसी परीक्षण कराने पर रिपोर्ट फिर निगेटिव आई। डॉक्टर ने उन्हें तीसरी बार आइवीएफ कराने पर जोर दिया तो उन्होंने मना कर दिया। इस पर डॉक्टर ने युवक व उसकी पत्नी के साथ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए उन्हें क्लीनिक से बाहर कर दिया। पीड़ित का आरोप है कि चार लाख से अधिक रुपये खर्च कराने के बाद उन्होंने बिल मांगा तो डॉक्टर ने मात्र 2.22 लाख रुपये का बिल थमा दिया। आरोप है कि डॉक्टर इसी तरह कई मरीजों को ठगने का काम कर रहा है। पीड़ित ने जिलाधिकारी से मामले की जांच कर डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन
नरेंद्र मोदी विचार मंच ने जिलाधिकारी कार्यालय पर टेस्ट ट्यूब बेबी के नाम पर डॉक्टर पर ठगने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया। वक्ताओं ने कहा कि डॉक्टर सैकड़ों लोगों को इस तरह ठग चुका है। प्रदर्शन करने वालों में जिलाध्यक्ष संतोष सती, शुभम बड़थ्वाल, गिरिजेश बहुगुणा, कुलदीप मनवाल, अमित पैन्यूली, विनीत सेमवाल आदि मौजूद रहे।
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यह मामला मेरे पास भी आया था। शिकायतकर्ताओं को मैंने कहा कि उन्हें मामला ठगी का लगता है तो डॉक्टर के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराएं। साथ ही मेरे स्तर से डॉक्टर की डिग्री, इस पद्धति के लिए उपकरण व उनकी वैधता की जांच की जाएगी।
-डॉ. एसपी अग्रवाल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी