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ग्रीन बेस वाले राज्यों को बढ़ेगी मदद: सुषमा

राज्य ब्यूरो, देहरादून नरेंद्र मोदी सरकार की सालभर की उपलब्धियां गिनाने दून पहुंची विदेश मंत्री सु

By Edited By: Published: Fri, 29 May 2015 01:00 AM (IST)Updated: Fri, 29 May 2015 01:00 AM (IST)
ग्रीन बेस वाले राज्यों को बढ़ेगी मदद: सुषमा

राज्य ब्यूरो, देहरादून

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नरेंद्र मोदी सरकार की सालभर की उपलब्धियां गिनाने दून पहुंची विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने जनहित योजनाओं और विदेश नीति के बहाने नाम लिए बगैर केंद्र की पिछली कांग्रेस सरकार पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने जनहित योजनाओं को महज सरकारी कार्यक्रम तक सीमित रखने के बजाए उन्हें आंदोलन का स्वरूप देकर आम जनता तक पहुंचाया है। कूटनीति को विकास से जोड़ने में कामयाबी मिली है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण में योगदान दे रहे ग्रीन बेस वाले राज्यों को अतिरिक्त केंद्रीय मदद मिलेगी। इस पर जल्द फैसला होने जा रहा है। केंद्र सरकार के इस कदम से सबसे ज्यादा लाभ उत्तराखंड को होगा।

दून में गुरुवार शाम मीडिया से मुखातिब विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मोदी सरकार के एक साल के कामकाज पर संतोष जताया। उन्होंने कहा कि जिस उम्मीद से जनता ने भाजपा को शुद्ध बहुमत दिया, केंद्र सरकार ने उन्हें पूरा करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए। 12 माह की अवधि में देश के एक भी वर्ग को आंख से ओझल नहीं होने दिया। विकलांग, वृद्ध, किसान, मजदूर, युवा, महिला समेत तमाम वर्गो का ध्यान रखा गया। जो गरीब बैंकों की दहलीज तक पहुंच नहीं पा रहा था, जन धन योजना में बैंक अधिकारी खाता खोलने घर-घर गए। उन्होंने कहा कि जन हित से जुड़ी योजनाओं पर मिशन मोड में काम किया गया है। प्रधानमंत्री दुर्घटना बीमा, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और आपदा से पीड़ित किसानों को फसल क्षति और मुआवजा राशि में दी गई रियायत को बड़ा कदम बताया। उन्होंने कहा कि अटल पेंशन योजना के जरिए सरकारी कर्मचारियों से इतर देश के पेंशनविहीन समाज को पेंशनयुक्त समाज बनाया गया है। छोटे कारोबारियों को मुद्रा बैंक से बड़ी मदद मिलेगी। महंगाई को काबू में रखने में सरकार सफल रही। मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया और स्किल इंडिया ने भरोसा पैदा किया है। स्वरोजगार कौशल को मेक इन इंडिया से जोड़ने से युवाओं को सबसे ज्यादा रोजगार मिलेगा।

विदेश मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के 12 माह के कार्यकाल में देश की प्रतिष्ठा बढ़ी है। विदेश नीति और कूटनीति को विकास से जोड़ा गया है। विदेशों में प्रवासी भारतीयों का मनोबल बढ़ा है। वे स्वच्छता मिशन के तहत शौचालय निर्माण और नमामि गंगे योजनाओं में भागीदार बनना चाहते हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार को एक साल में चार प्रमुख चुनौतियों से जूझना पड़ा। उक्रेन संकट, इराक संकट, लीबिया संकट के साथ युद्धग्रस्त यमन से भारतीयों की वापसी सबसे बड़ी चुनौती थी। यमन में आपस में लड़ने वाले दो देशों के साथ बातचीत के जरिए सिर्फ भारत ही नहीं, अन्य 48 देशों के नागरिकों को भी सुरक्षित निकाला गया। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की प्रतिष्ठा बढ़ने का दावा करते हुए उन्होंने कहा कि भारत को अब महत्व मिलने लगा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ स्पष्टता से बातचीत इससे पहले कभी नहीं हुई। ¨हदुस्तान शांतिपूर्ण वार्ता से समाधान ढूंढने, किसी अन्य देश की मध्यस्थता स्वीकार नहीं करने और बम-धमाकों के चलते बातचीत के औचित्य के बारे में पाकिस्तान को साफ हिदायत दे चुका है। चीन के सामने भी भारत का पक्ष इतनी मजबूती के साथ पहले नहीं रखा गया।

मुख्यमंत्री हरीश रावत के केंद्रीय मदद में राज्य की अनदेखी के आरोप को विदेश मंत्री ने सत्य से परे बताया। उन्होंने कहा कि केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी 10 फीसद बढ़ी है। गुड्स सर्विस टैक्स लागू होने से सबसे ज्यादा लाभ राज्यों को होगा। केंद्र सरकार ने राज्यों के साथ कोआपरेटिव फेडरलिज्म का रास्ता अपनाया है। राष्ट्रीय संपत्ति में जिस राज्य की जितनी हिस्सेदारी उसे पहली बार दिया गया है। पर्यावरण सुरक्षा में हिमालयी राज्य उत्तराखंड के बड़े योगदान के बावजूद ग्रीन बोनस नहीं देने और केंद्रीय मदद में उपेक्षा के सवाल पर उन्होंने कहा कि ग्रीन बेस वाले राज्यों के लिए केंद्रीय मदद बढ़ाने के संबंध में जल्द कदम उठाए जा रहे हैं। इसका सबसे ज्यादा फायदा उत्तराखंड को होगा।


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