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नारकोटिक्स टीम के पहुंचने से पहले जलाई नशे की फसल

संवाद सूत्र, मसूरी: पहाड़ों की रानी मसूरी के आसपास के गांवों में अफीम की खेती होने की नायब तहसीलदार क

By Edited By: Published: Mon, 25 May 2015 11:14 PM (IST)Updated: Mon, 25 May 2015 11:14 PM (IST)
नारकोटिक्स टीम के पहुंचने से पहले जलाई नशे की फसल

संवाद सूत्र, मसूरी: पहाड़ों की रानी मसूरी के आसपास के गांवों में अफीम की खेती होने की नायब तहसीलदार की रिपोर्ट के आधार पर नारकोटिक्स विभाग की टीम ने मसूरी से करीब 12 किमी दूर छसखेत गांव में सोमवार शाम छापा मारा। लेकिन, टीम के पहुंचने से पहले ही लोगों ने खेतों में आग लगाकर खेत जोत दिए। यही नहीं, अधिकांश घरों में ताले भी लटके मिले। हालांकि, नारकोटिक्स विभाग के एसपी रवि राणा का कहना है कि यह जानकारी हासिल की जाएगी कि जिन खेतों में आग लगाई गई उनमें खेती कौन करता है। साथ ही नायब तहसीलदार की रिपोर्ट की पूरी पड़ताल की जाएगी।

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मसूरी के निकटवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में अफीम की खेती की शिकायत मिलने पर नायब तहसीलदार बीरेंद्र कुमार ने मौके पर जाकर मुआयना किया। जिलाधिकारी को भेजी रिपोर्ट में नायब तहसीलदार ने छसखेत समेत अन्य गांवों में लगभग 100 बीघा भूमि में अफीम की खेती होने का जिक्र करते हुए इस संबंध में शीघ्र कार्रवाई का आग्रह किया था।

इसे देखते हुए सोमवार दोपहर बाद देहरादून से नारकोटिक्स विभाग के एसपी रवि राणा के अगुआई में एक टीम हाथी पांव के समीप छसखेत गांव में छापा मारा, लेकिन टीम के हाथ कुछ नहीं लगा। दरअसल, टीम के पहुंचने से पहले ही खेतों में आग लगाकर अफीम की फसल जला दी गई थी। कुछ खेतों में जुताई भी की गई थी। नारकोटिक्स टीम ने गांव में मौजूद लोगों से खेतों में आग लगाने की वजह पूछी तो उनका कहना था कि गेहूं की फसल कटाई के बाद खेतों में आग लगाने के बाद जुताई कर अगली फसल की तैयारी की जाती है। नतीजतन, नारकोटिक्स टीम बैरंग लौट गई।


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