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विकास को नदियों का प्रवाह नहीं होने देंगे बाधित

संवाद सहयोगी, विकासनगर: केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास व गंगा पुनरुद्धार मंत्री उमा भारती ने विकास के

By Edited By: Published: Sun, 24 May 2015 10:06 PM (IST)Updated: Sun, 24 May 2015 10:06 PM (IST)
विकास को नदियों का प्रवाह नहीं होने देंगे बाधित

संवाद सहयोगी, विकासनगर: केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास व गंगा पुनरुद्धार मंत्री उमा भारती ने विकास के लिए नदियों का प्रवाह बाधित नहीं होने देने की बात पर जोर देते हुए कहा बच्चे का जन्म मां को मारकर नहीं होना चाहिए। उन्होंने उत्तराखंड को पानी की रॉयल्टी देने की मांग को जायज ठहराया।

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¨सचाई विभाग के डाकपत्थर स्थित आवास गृह में पत्रकारों से रूबरू होते हुए उन्होंने कहा कि गंगा का निर्मलीकरण उनकी पहली प्राथमिकता है। इसके लिए गंगा की सहायक नदियों को भी स्च्च्छ किया जाएगा। यमुना उपत्यका का दौरा इसी योजना का हिस्सा है। नदियों पर बन रहे बांधों को लेकर उन्होंने कहा कि नए बांधों के डिजायन तैयार करने से पहले पारस्थितिकीय अध्ययन किया जाएगा और उसी आधार पर बांध डिजायन किए जाएंगे। विकास के लिए नदियों का मूल प्रवाह बाधित नहीं होने दिया जाएगा। नदियां भारतीयों की मां हैं, इनका निर्मलीकरण प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है।

उत्तराखंड के पानी की रायल्टी की मांग पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि किसी भी प्रदेश के विकास में वहां के पानी व जवानी की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, इसलिए उत्तराखंड के पानी की रॉयल्टी की मांग जायज है। साथ ही कहा कि यहां बनने वाली बिजली का 12 प्रतिशत प्रदेश को दिया जा रहा है। संक्षिप्त प्रवास के दौरान उन्होंने शक्तिनहर व डाकपत्थर बैराज का निरीक्षण किया। इस दौरान एसडीएम मोहन ¨सह बर्निया, सीओ एसके ¨सह, तहसीदार प्रेमलाल, कोतवाल हरीश मेहरा, एसएसआई अर¨वद कुमार, भाजयुमो जिलाध्यक्ष नवीन ठाकुर आदि मौजूद रहे।

अधिकारियों की दिखी लापरवाही

केंद्रीय मंत्री के प्रोटोकॉल में लगे अधिकारियों द्वारा सही जानकारी नहीं देने से केंद्रीय मंत्री को यह नहीं मालूम था कि वे उत्तराखंड में हैं या हिमाचल प्रदेश में। उमा भारती ने भाजयुमो अध्यक्ष नवीन ठाकुर से पूछा कि जिस जगह पर वे अभी हैं वह किस प्रदेश में पड़ती है। भाजयुमो अध्यक्ष द्वारा बताए जाने पर पता चला कि वे अभी उत्तराखंड में हैं।

अधिकारियों को भी नहीं पता टौंस का उद्गम स्थल

विकासनगर: केंद्रीय मंत्री की ओर से अधिकारियों से टौंस नदी के उद्गम स्थल की जानकारी ली गई, लेकिन अधिकारी सही जवाब नहीं दे पाए। ये अलग बात है कि मंत्री को भी उद्गम स्थल की जानकारी नहीं होने के चलते वे अधिकारी के जवाब को ही सही मान बैठी। दरअसल मंत्री द्वारा टौंस नदी का उद्गम स्थल पूछे जाने पर एसडीएम विकासनगर ने उन्हें नदी का उद्गम स्थल हरकी दून बताया, जबकि टौंस का उदगम स्थल बंदरपूंछ ग्लेशियर समूह से होता है और हरकी दून मात्र बुग्याल है। नदी का नाम नैटवाड़ से टौंस पड़ता है, जहां रुपीण व शुपीण दो नदियां आपस में मिलती है। बंदरपूंछ ग्लेशियर समूह के पूरब से रुपीण व दक्षिण से शूपीण नदी निकलती है।


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