सीबीआइ को हस्तांतरित होगा रूबी प्रकरण
राज्य ब्यूरो, देहरादून: मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री भारतीय प्रशासनिक अकादमी में फर्जी आइएएस के त
राज्य ब्यूरो, देहरादून: मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री भारतीय प्रशासनिक अकादमी में फर्जी आइएएस के तौर पर रही रूबी चौधरी की जांच में उठे सवालों की गुत्थी को पुलिस का विशेष जांच दल (एसआइटी) भी सुलझा नहीं पा रहा है। मामला हाईप्रोफाइल लोगों से जुड़ने के कारण पुलिस अब खुद को आगे की जांच में सक्षम नहीं पा रही है। इसी वजह से पुलिस ने अब हाथ पीछे खींचते हुए मामले की जांच सीबीआइ से कराने की संस्तुति की है। इस बाबत पुलिस मुख्यालय ने शासन को पत्र प्रेषित किया है।
31 मार्च को मसूरी थाने में मुजफ्फरनगर निवासी रूबी चौधरी के खिलाफ भारतीय प्रशासनिक अकादमी में छह माह तक फर्जी तरीके से रहने का आरोप लगाते हुए एक मामला दर्ज किया गया था। शुरूआत में पुलिस ने मामला बहुत हल्के में लिया। मामला तब गरमाया जब रूबी चौधरी ने अकादमी के उप निदेशक सौरभ जैन पर गंभीर आरोप लगाए। रूबी का आरोप था कि सौरभ जैन ने ही उसे अकादमी में ठहराया था। इस प्रकरण में एक फोटो भी सामने आया, जिसमें रूबी चौधरी एक ट्रेनी के रूप में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के साथ एक ग्रुप में खड़ी थी। मामला गंभीर होने के बाद पुलिस ने इस मामले में बीती दो अप्रैल को एसआइटी का गठन किया। तीन अप्रैल को एसआइटी ने रूबी को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ शुरू कर दी। इसके बाद पुलिस ने रूबी के साथ प्रशासनिक अकादमी परिसर में उस कमरे का मुआयना भी किया था, जहां वह ठहरी थी। रिमांड के दौरान पुलिस को मेरठ व मसूरी से प्रशासनिक अकादमी की लाइब्रेरी की 58 किताबें, फर्जी आईडी, यूनिफार्म व कुछ प्रोजेक्ट रिपोर्ट मिली थी। जांच के दौरान एसआइटी ने अकादमी के कई बड़े अधिकारियों के बयान भी लिए। जांच में यह बात भी सामने आई कि रूबी को छोड़ने एक केंद्रीय मंत्री की कार भी आई थी। इस बीच जांच अधिकारी शाहजहां अंसारी की तबीयत खराब हो गई। इसके बाद अपर पुलिस अधीक्षक ममता वोरा को जांच अधिकारी नियुक्ति किया गया। मामले में अब प्रगति न होते देख पुलिस हाथ पीछे खींच रही है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की आख्या पर पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल परिक्षेत्र संजय गुंज्याल ने मामले की सीबीआइ जांच कराने की संस्तुति के लिए पुलिस मुख्यालय को पत्र लिखा। बुधवार को पुलिस मुख्यालय ने शासन को पत्र लिखकर मामला सीबीआइ को हस्तांतरित करने का अनुरोध किया है।
डीजीपी बीएस सिद्धू ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि मामले में प्रथम दृष्ट्या ऐसे कई प्रमाण मिले, जिनसे ऐसा लगता है कि इसमें अकादमी के लोगों की भी संलिप्तता है। पुलिस मामले में किसी को अभी क्लीन चिट देने की स्थिति में नहीं है। इस मामले की विस्तृत जांच की जरूरत महसूस की जा रही है।
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