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दून में भी चलाया जा सकता है मुकदमा

संवाद सहयोगी, देहरादून: गाजियाबाद की किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामला देहरादून में भी चलाया ज

By Edited By: Published: Thu, 07 May 2015 01:05 AM (IST)Updated: Thu, 07 May 2015 01:05 AM (IST)
दून में भी चलाया जा सकता है मुकदमा

संवाद सहयोगी, देहरादून: गाजियाबाद की किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामला देहरादून में भी चलाया जा सकता है। अभी इस मामले में पीड़िता के बयान होने बाकी है। पीड़िता ने जो बात अपने परिजनों को बताई उसी आधार पर पुलिस ने जीरो एफआइआर दर्ज कर ली थी। होश में आने के बाद किशोरी ने कार, जंगल और गाजियाबाद के बाद भी किसी कमरे में अपने साथ घटना होने का जिक्र किया था। विवेचना उपनिरीक्षक कविता जोशी को सौंपी गई है। उधर, इस प्रकरण में किशोरी और आरोपियों की आपसी रंजिश भी बताई जा रही है।

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गौरतलब है रविवार को गाजियाबाद की एक किशोरी बेसुध हालत में द्वारिका स्टोर के पास पड़ी मिली थी। किशोरी को अस्पताल ले जाया गया। होश में आने के बाद उसने अपने साथ गाजियाबाद के एक होटल में सामूहिक दुष्कर्म होने की बात बताई थी। बताया था कि दो आरोपी उसे बेहोशी की हालत में देहरादून में छोड़ गए थे। किशोरी ने रास्ते में भी दुष्कर्म का आरोप लगाया है। पुलिस के अनुसार बेहोशी में उसके साथ दुष्कर्म देहरादून में किया गया या कहीं और, इसका पता लगाया जा रहा है। इस सिलसिले में किशोरी के बयान भी लिए जाएंगे।

मुख्य आरोपी को मिले हैं पुलिस के गार्ड

शुरूआती जांच पड़ताल में पता चला है कि इस मामले में मुख्य आरोपी को गाजियाबाद में न्यायालय के आदेश पर सुरक्षा गार्ड भी मिला हुआ है।

मजिस्ट्रेटी बयान भी करा सकती है पुलिस

प्रकरण में पीड़िता के बयान दर्ज कराने के बाद उसके दून में ही मजिस्ट्रेटी बयान कराए जा सकते हैं। पुलिस के अनुसार फिलहाल जो तथ्य सामने आए हैं उनमें सबसे अहम पीड़िता की गवाही ही है।

एफएसएल जाएंगे नमूने

पुलिस ने पीड़िता के कपड़े व अन्य सामान सील कर दिया है। सामूहिक दुष्कर्म की पुष्टि के लिए नमूने फोरेंसिक लैब को भेजे जाएंगे।

कार चालक का भी आ सकता है नाम

पुलिस सूत्रों के अनुसार मामले में एक चालक का नाम भी सामने आ रहा है। हालांकि, मामले में नामजद सिर्फ तीन युवकों को किया गया है। जिनमें दो सगे भाई शामिल हैं। जांच के बाद चालक को भी आरोपी बनाया जा सकता है।

मामले की अभी प्राथमिक जांच की जा रही है। मामला रंजिशन होने का भी पता चला है। लेकिन, सभी जांच होने के बाद तय किया जा सकता है कि प्रकरण को गाजियाबाद कब भेजा जाएगा। सब कुछ पीड़िता के बयानों पर भी निर्भर करता है।

-अजय सिंह, एसपी सिटी


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