बुद्ध पूर्णिमा पर की अशोक शिलालेख की परिक्रमा
संवाद सूत्र, कालसी: बुद्ध पूर्णिमा के पावन अवसर पर ऑल इंडिया सैनी सेवा समाज व छात्र-छात्राओं ने अशोक
संवाद सूत्र, कालसी: बुद्ध पूर्णिमा के पावन अवसर पर ऑल इंडिया सैनी सेवा समाज व छात्र-छात्राओं ने अशोक शिलालेख की परिक्रमा कर सम्राट अशोक के बताए रास्ते पर चलने का संकल्प लिया। समाज के पदाधिकारियों ने छात्र-छात्राओं को सम्राट अशोक के किए गए कार्यो की जानकारी दी। इंडियन कल्चर अकेडमी छुटमलपुर सहारनपुर के छात्र-छात्राओं के गाए 'बुद्धं शरणम गच्छामि' की मधुर ध्वनि से वातावरण गूंजायमान रहा।
कालसी स्थित सम्राट अशोक के शिलालेख पर मंगलवार को 'बुद्धं शरणम गच्छामि, संघं शरणम गच्छामि' की मधुर ध्वनि गूंजती रही। मौका था बुद्ध पूर्णिमा पर ऑल इंडिया सैनी सेवा समिति की ओर से आयोजित समारोह का, जिसमें उप्र, हरियाणा, हिमाचल सहित अन्य कई राज्यों के लोगों ने भाग लिया। सैनी समाज के सदस्यों ने यमुना में स्नान के बाद शिलालेख की परिक्रमा की। मुख्य वक्ता मौन परिषद के विरेंद्र सैनी ने कहा कि सम्राट अशोक का नाम भारतीय इतिहास में युग प्रर्वतक व शांतिदूत के रूप में लिया जाता है। ब्रह्मपाल सैनी ने कहा कि क¨लग युद्ध की विभीषिका के बाद सम्राट अशोक ने जीवन में युद्ध न करने की शपथ लेकर शांति स्थापना के लिए अन्य देशों में भी अभियान चलाया। समारोह के अंत में भूकंप में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी गई। कटापत्थर में भंडारे का आयोजन किया गया। इस दौरान रामनाथ सैनी, डीसीबी चेयरमैन रकम ¨सह सैनी, सोमप्रकाश सैनी, डॉ. चेतन दास सैनी, डॉ. सुरेंद्र सैनी, यशपाल सैनी, विजय पाल सैनी, बाबूराम सैनी, डॉ. हंसराज सैनी, आदेश सैनी सम्राट, राजेश कुमार सैनी, अंजू, तेजपाल सैनी, बलवंत ¨सह, कर्ण ¨सह, बाबूराम सैनी आदि मौजूद रहे।