कांग्रेसी मांद में भाजपा का शंखनाद
-आपदा को लेकर भाजपा के निशाने पर रहेगी प्रदेश की कांग्रेस सरकार -चार धाम, अर्द्धकुंभ, केंद्रीय इम
-आपदा को लेकर भाजपा के निशाने पर रहेगी प्रदेश की कांग्रेस सरकार
-चार धाम, अर्द्धकुंभ, केंद्रीय इमदाद पर पलटवार तो खनन, शराब और भूमाफिया पर हमले तेज
रविंद्र बड़थ्वाल, देहरादून
मिशन 2017 को लेकर तैयारियों में जुट चुकी प्रदेश की कांग्रेस सरकार के खिलाफ भाजपा ने भी शंखनाद कर दिया है। प्रदेश भाजपा में जोश फूंकने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह जिस अंदाज में उत्तराखंड पहुंचे, उससे पार्टी के तेवरों में भी बदलाव आया है। आपदा राहत के लिए केंद्रीय इमदाद को लेकर मोदी सरकार पर आरोप लगाने वाली प्रदेश की हरीश रावत सरकार को अब खुद भी आपदा को लेकर विपक्ष के तीखे हमले झेलने होंगे। शाह ने इसके संकेत काफी हद तक दे दिए हैं।
प्रदेश विधानसभा के चुनाव में तकरीबन दो वर्ष का समय शेष रह गया है। बीते वर्ष प्रदेश की कांग्रेस सरकार की कमान संभाल चुके मुख्यमंत्री हरीश रावत और प्रदेश कांग्रेस संगठन मिशन 2017 की तैयारी शुरू कर चुके हैं। कांग्रेस को अपने मिशन में सबसे तगड़ी चुनौती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से ही मिलनी है। यही वजह है कि सरकार और संगठन दोनों केंद्र की मोदी सरकार और अमित शाह को निशाने पर लेने का कोई मौका नहीं चूक रहे हैं। अब प्रदेश में मिशन 2017 को लेकर भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व भी गंभीर हो चला है। रविवार को प्रदेशस्तरीय कार्यकर्ता बैठक में शिरकत करने आए राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का स्वागत लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा के चुनावी शंखनाद के अंदाज में हुआ।
बैठक में प्रदेश में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के निशाने पर प्रदेश सरकार रही। मौजूदा सांसद एवं तीनों पूर्व मुख्यमंत्रियों ने चार धाम यात्रा, अर्द्धकुंभ, कानून व्यवस्था, केंद्रीय सहायता को लेकर कांग्रेस के आरोपों पर जमकर हमला बोला, साथ में खनन, शराब और भूमाफिया को लेकर प्रदेश सरकार को कटघरे में खड़ा करने में कसर नहीं छोड़ी। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने मुख्यमंत्री के करीबियों को निशाने पर लेते हुए यह भी जाहिर कर दिया कि सूबे की सत्ता पर कब्जे को लेकर पक्ष और विपक्ष के बीच सियासी जंग भविष्य में और तेज होने जा रही है। खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व और मोदी सरकार के खिलाफ अख्तियार किए गए कांग्रेसी तेवरों पर यह कहते हुए टिप्पणी कर दी कि विरोधियों को माकूल जवाब मिलेगा। भीषण त्रासदी के करीब दो साल गुजरने पर बाद राज्य के हालात में विशेष सुधार नहीं होने के मामले में प्रदेश सरकार पर भाजपा के हमले आने वाले समय में और बढ़ने तय हैं। अमित शाह ने यह कहकर सियासत गर्मा दी है कि राज्य में वर्ष 2013 में त्रासदी के वक्त भाजपा की सरकार होती तो हालात ऐसे न होते। शाह के इस बयान के बाद यह भी स्पष्ट है कि आपदा राहत, पुनर्वास और आपदा से उबरने की तैयारियों को लेकर अब भाजपा केंद्रीय नेतृत्व के निशाने पर राज्य सरकार आ गई है।