शाह की क्लास में एकजुटता का पाठ
विकास धूलिया, देहरादून 'जब गुजरात, गोवा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में भाजपा लगातार विधानसभा चुनाव जी
विकास धूलिया, देहरादून
'जब गुजरात, गोवा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में भाजपा लगातार विधानसभा चुनाव जीतती आ रही है तो फिर उत्तराखंड में ऐसा क्यों नहीं, क्यों पार्टी यहां हर पांच साल में आवन-जावन में लगी है।' चंद लफ्जों में समेटा जाए तो भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की यह रही उत्तराखंड इकाई को दो टूक नसीहत। शाह ने साफ संकेत दे दिए कि वह कभी भाजपा के गढ़ रहे उत्तराखंड में पार्टी के जनाधार में स्थायित्व न होने से खुश नहीं हैं। यही नहीं, वर्ष 2017 में होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव से पहले वह उत्तराखंड में पार्टी को नई शक्ल देने की तैयारी कर चुके हैं।
भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के विभिन्न प्रदेशों के हालिया दौरे में फोकस उन राज्यों पर ज्यादा रहा, जहां भाजपा का जनाधार अपेक्षाकृत मजबूत नहीं है। हालांकि उत्तराखंड के परिप्रेक्ष्य में यह तथ्य पूरी तरह सच नहीं कहा जा सकता लेकिन इसके बावजूद उत्तराखंड में भाजपा की स्थिति कभी अर्श पर तो कभी फर्श पर रही है। वर्ष 2009 में भाजपा ने उत्तराखंड में पांचों लोकसभा सीटें गंवाई तो 2012 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस के हाथों सूबे की सत्ता गंवा बैठी। अलबत्ता मोदी लहर में संपन्न 2014 के लोक सभा चुनाव में सभी पांचों सीटें जीत कर अच्छे दिनों की वापसी के संकेत दिए।
अभी कुछ ही महीने गुजरे कि पार्टी एक के बाद एक, लगातार चार विधानसभा उपचुनाव में बुरी तरह पराजित हुई। इससे साफ हो गया कि भाजपा अपना जनाधार को स्थाई रूप से बचाने में कामयाब नहीं हो पा रही है। यही पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के लिए चिंता का सबसे बड़ा सबब भी बन गया है। रविवार को देहरादून में प्रदेश स्तरीय कार्यकर्ता बैठक में अमित शाह ने प्रदेश इकाई को आइना दिखाने से भी गुरेज नहीं किया। उन्होंने साफ कहा कि जब कुछ राज्यों में लगातार भाजपा की सरकार बनती आ रही है तो उत्तराखंड में ऐसा क्यों नहीं हो सकता। 2017 में होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट जाने का संदेश देते हुए उन्होंने ऐसे संकेत भी दे दिए कि जल्द उत्तराखंड में पार्टी मजबूत नजर आएगी।
सूत्रों के मुताबिक भाजपा नेतृत्व तक उत्तराखंड की कांग्रेस सरकार का जो फीडबैक पहुंचा है, उसने भी पार्टी को सतर्क कर दिया है। हरीश रावत के नेतृत्व में प्रदेश में कांग्रेस के बढ़ते जनाधार को भाजपा नेतृत्व में गंभीरता से लिया है। यही कारण है कि अमित शाह ने अपने संबोधन में प्रदेश भाजपा नेताओं को एकजुटता का पाठ भी पढ़ाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के नेता और कार्यकर्ता अगर एक हो जाएं तो अन्य कुछ राज्यों की तरह उत्तराखंड में भी भाजपा को लगातार कामयाबी मिलना तय है। तब पांच साल भाजपा और पांच साल कांग्रेस की बजाए, भाजपा ही भाजपा सत्ता में होगी। कुल मिलाकर देखा जाए तो भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने संकेतों में ही सही, यह जताने से कोई गुरेज नहीं किया कि गुटबाजी अब जल्द खत्म होनी चाहिए, तब ही पार्टी स्थाई रूप से सत्ता पर काबिज हो सकती है।