1500 वर्ग किमी में तेज होगा भूकंपीय अध्ययन
सुमन सेमवाल, देहरादून भूकंप के पूर्वानुमान को लेकर समूचे विश्व में युद्ध स्तर पर शोध किए जा रहे ह
सुमन सेमवाल, देहरादून
भूकंप के पूर्वानुमान को लेकर समूचे विश्व में युद्ध स्तर पर शोध किए जा रहे हैं, लेकिन कदम अभी सफलता से कोसों दूर हैं। अध्ययन की इस कड़ी में देहरादून स्थित वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान अहम कदम उठाने जा रहा है। जल्द उत्तराखंड से हिमाचल प्रदेश तक (1500 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के लिए) भूकंप का रियल टाइम (वास्तविक समय) डेटा देने वाले 15 साइस्मोग्राफ व एक्सेलेरोग्राफ लगाने की तैयारी कर ली गई है। इससे भूकंप की तत्काल जानकारी के साथ ही पूर्वानुमान की दिशा में चल रहे शोध कार्यों को भी बल मिलेगा।
वर्तमान में वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के 10 साइस्मोग्राफ व एक्सेलेरोग्राफ कार्य कर रहे हैं। संस्थान के वरिष्ठ विज्ञानी डॉ. सुशील कुमार के मुताबिक एक उपकरण 100 वर्ग किमी एरिया को कवर कर सकता है। लेकिन, यदि इनमें वी-सैट के साथ की कनेक्टिविटी नहीं है तो संबंधित स्टेशन से डेटा लेने में महीनों भी लग सकते हैं। स्टेशन में जाकर ही डेटा लाया जा सकता है। बताया कि उत्तराखंड के धारचूला से हिमाचल प्रदेश तक बने 15 स्टेशन से डेटा इसी तरह लाया जाता है।
अब इन स्टेशनों की रियल टाइम कनेक्टिविटी की तैयारी पूरी कर ली गई है। स्टेशन के उपकरणों को वी-सैट से जोड़ने वाले 15 साइस्मोग्राफ व एक्सेलेरोग्राफ के ऑर्डर दे दिए गए हैं। करीब चार करोड़ रुपये की लागत से इन्हें जल्द स्थापित कर दिया जाएगा। इन स्टेशनों के 1500 वर्ग किमी के क्षेत्रफल में जो भी भूकंप आएगा, उसकी तत्काल व पूरी जानकारी मिल जाएगी।
इस तरह मिलेगा डेटा
वाडिया संस्थान के निदेशक प्रो. अनिल कुमार गुप्ता के मुताबिक उपकरण में एक विशेष प्रकार का सिमकार्ड लगा होगा, जिसकी कनेक्टिविटी वी-सैट से होगी। भूकंप आने पर ऑनलाइन ही डेटा मिलने लगेगा। इस तरह का एक उपकरण देहरादून स्थित संस्थान के कार्यालय में भी लगाया जाएगा।