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पीपीपी मोड में स्वास्थ्य सेवाओं को चेताया

-स्वास्थ्य मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी ने कहा, सेवाओं में सुधार नहीं हुआ तो विचार करेगी सरकार -सामुद

By Edited By: Published: Sun, 26 Apr 2015 01:00 AM (IST)Updated: Sun, 26 Apr 2015 01:00 AM (IST)
पीपीपी मोड में स्वास्थ्य सेवाओं को चेताया

-स्वास्थ्य मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी ने कहा, सेवाओं में सुधार नहीं हुआ तो विचार करेगी सरकार

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-सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में सेवाओं में हो 25 फीसद वृद्धि, नियमित हो मुआयना

-चिकित्सकों को समय पर मिले वेतन, निदेशालय के अधिकारियों को दी हिदायत

राज्य ब्यूरो, देहरादून

प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) पर पीपीपी मोड में संचालित स्वास्थ्य सेवाओं में 25 फीसद की वृद्धि करने के निर्देश दिए। उन्होंने चेतावनी दी कि व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ तो अगले माह 31 मई को पीपीपी मोड पर विचार करने को बाध्य होगी।

विधानसभा स्थित अपने कक्ष में शनिवार को उन्होंने पीपीपी मोड में संचालित स्वास्थ्य सुविधाओं और स्वास्थ्य बीमा योजना की समीक्षा की। बैठक में उन्होंने कहा कि सीएचसी में पीपीपी मोड में संचालित स्वास्थ्य सेवाओं से मुख्यमंत्री नाखुश हैं। इन केंद्रों में 12 चिकित्सकों के बजाए छह चिकित्सक ही हों, लेकिन वे 25 दिन काम करें। पीपीपी मोड में सरकार की ओर से दिए जा रहे धन का सदुपयोग नहीं हो पा रहा है। उन्होंने जिलों के मुख्य चिकित्साधिकारी और उप मुख्य चिकित्साधिकारी को सीएचसी का नियमित मुआयना करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों को रोटेट नहीं किया जाना चाहिए। एक चिकित्सक एक ही जगह पर कार्य करते हुए दिखना चाहिए। इसकी रिपोर्ट प्रत्येक दस दिन में मुख्यालय को भेजी जानी चाहिए।

मंत्री ने निदेशालय के अधिकारियों को पीपीपी मोड में कार्यरत चिकित्सकों की तनख्वाह और अन्य भुगतान समय पर करने की हिदायत दी। सीएचसी में समुचित सफाई व्यवस्था के साथ ओपीडी बढ़ाने के निर्देश दिए गए। वहां एनीस्थीसिया और सर्जिकल चिकित्सक की व्यवस्था होनी चाहिए। संविदा चिकित्सकों की व्यवस्था में व्यवधान नहीं होना चाहिए। उन्हें समय पर वेतन देने के निर्देश दिए गए। इस मामले में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सीएचसी में विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता 10 मई तक करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ मरीजों को नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने चिकित्सालयों में कार्यरत चिकित्सक योजना को क्रियान्वित नहीं कर पाने पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पताल में कार्यरत चिकित्सक की मेज पर इम्पैनल्ड चिकित्सालयों की सूची होनी चाहिए। बैठक में स्वास्थ्य अपर सचिव बीआर टम्टा, संयुक्त सचिव अतर सिंह समेत कई अधिकारी मौजूद थे।


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